बाराबंकी. नई शिक्षा नीति केंद्रीकरण और शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देती हैं. भाजपा सरकार का निजीकरण नौकरियां, आरक्षण व छात्रों का भविष्य सब बर्बाद कर देगा. सरकारी संस्थानों के निजीकरण से देश के युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के दरवाजे बंद हो जाएंगे. मोदी सरकार गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करके शिक्षा को भी अमीरों के लिए एक सुविधा बनाना चाहती हैं.
ये बातें राष्ट्रीय छात्र संगठन के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश प्रभारी शौर्यवीर सिंह ने मंगलवार को पूर्व सांसद पी.एल.पुनिया के ओबरी आवास पर शिक्षा बचाओं-देश बचाओं अभियान के तहत जनपदीय दौरों के दौरान प्रदेश के राष्ट्रीय छात्र संगठन के अध्यक्ष अनस रहमान के साथ कही.

राष्ट्रीय सचिव सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में प्रतियोगी परीक्षाओं में एस.एस.सी.,एन.ई.ई.टी, जे.ई.ई. में घोटालें सामने आ रहे हैं. बेरोजगार नौजवानों को वर्षों तक नौकरी न देना साफ बताता हैं कि देश की मोदी सरकार छात्र विरोधी हैं क्योंकि अगर छात्रों के लिए कोई नीति बना रही हो तो उसे छात्राओं से चर्चा करके बनाना चाहिए, लेकिन सरकार ने ऐसा न करके शिक्षा विरोधी नीति को तब लांच किया जब देश कोविड के कहर से पीड़ित था. सरकार ने तानाशाही तरीके से इस नीति को लागू को कर दिया जिसके विरोध में राष्ट्रीय छात्र संगठन द्वारा शिक्षा बचाओं देश बचाओं अभियान की शुरूआत की गई क्योंकि नई शिक्षा नीति छात्र विरोधी हैं.

राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनस रहमान ने कहा कि जबसे भाजपा सरकार आयी हैं तबसे प्रतियोगी परीक्षाओं में घोटाले हो रहे हैं. परीक्षाओं के परिणाम देरी से निकाले जा रहे हैं, जिससे छात्रों के साल बर्बाद हो रहे हैं. छात्रों की स्कॉलरशिप और फेलोशिप रोकी जा रही हैं. प्रदेश का नौजवान, छात्र, कोरोना काल के अपने भविष्य के नुकसान से अभी उभर नहीं पाया हैं, इसलिए राष्ट्रीय छात्रसंगठन ने छात्रों के आवाज बुलंद करने के लिये शिक्षा बचाओं देश बचाओं अभियान की शुरूआत की हैं. इस अभियान के तहत देश व प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि केन्द्रीय एवं प्रदेशीय स्तर पर छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं कम से दो वर्ष की छूट दी जाए. कार्यक्रम में दर्जनों कांग्रेसी नेता एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष विशाल वर्मा समेत एनएसयूआई के तमाम सदस्य व पदाधिकारी मौजूद रहे.