रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली। कांग्रेस का अभेद्य गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बार फिर दलित कार्ड खेलते हुए बुद्धि लाल पासी को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है। प्रदेश संगठन द्वारा पासी को दोबारा इस पद पर आसीन करने के फैसले को 2027 के विधानसभा चुनाव की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। बीजेपी इस नियुक्ति के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे “सबका साथ, सबका विकास” को साकार करने का संदेश दे रही है। दलित समुदाय, खासकर पासी समाज, जो जिले में करीब 27 प्रतिशत मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है, को साधने की यह कोशिश कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

सभी वर्गों को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध

नियुक्ति की घोषणा के बाद बीजेपी कार्यालय अटल भवन में कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मिठाई बांटकर और बुद्धि लाल पासी को बधाई देकर कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने पार्टी नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा, “रायबरेली में कांग्रेस ने हमेशा अनुसूचित समाज के वोट लिए, लेकिन उन्हें कभी जिला अध्यक्ष जैसे नीति-निर्धारक पद पर सम्मान नहीं दिया। बीजेपी ने यह साबित कर दिखाया कि वह सभी वर्गों को साथ लेकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है।”

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राजनीतिक रूप से देखा जाये तो पासी समुदाय में पैठ बढ़ाने के लिए बीजेपी ने यह सोचा-समझा कदम उठाया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कांटे की टक्कर देने के बाद अब पार्टी रायबरेली में भगवा झंडा फहराने की तैयारी में जुट गई है। पिछले कुछ वर्षों में संगठनात्मक बदलाव और दलित-केंद्रित पहल के जरिए बीजेपी ने अपनी जमीन मजबूत की है। 2027 का चुनावी समर बीजेपी के लिए इस दलित दांव को परखने का मौका होगा। क्या यह नियुक्ति कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगा पाएगी, यह तो वक्त बताएगा l