लखनऊ। यूपी विधानसभा में वंदे मातरम् की चर्चा के दौरान केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वंदे मातरम्, जय श्री राम और भारत माता की जय, भाजपा बोलती है, बोलती थी और बोलती रहेगी। भाजपा के बोलने के कारण समाजवादी पार्टी को भी यह बोलना पड़ रहा है, अन्यथा तुष्टिकरण की राजनीति में ये लोग अंधे हो गए थे। वहीं ब्रजेश पाठक ने कहा कि इनका वंदे मातरम से लेना-देना नहीं है। समाजवादियों का नारा, खाली प्लाट हमारा है।

वंदे मातरम् हमारी ऐतिहासिक चेतना

वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि वंदे मातरम् हमारी ऐतिहासिक चेतना है। वंदे मातरम् को राजनीति में घसीटा जा रहा है। यह राष्ट्र की आत्मा का गीत है। यूपी में किसानों को खाद नहीं मिल रही है। भर्तियों के पेपर लीक हो रहे है। SIR में विपक्ष के वोट काटे जा रहे है। आप नाम बदलने में माहिर है। राष्ट्रभक्ति नारों में नहीं नीयत में होती है। वंदे मातरम् संविधान की आत्मा है। वंदे मातरम् को राजनीतिक हथियार बनाया जा रहा। क्या बेरोजगार नौजवान वंदे मातरम् नहीं बोलता? देशभक्ति दबाव नहीं दिल से निकलती है।

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आराधना मिश्रा मोना ने भाजपा को घेरा

वहीं कांग्रेस नेत्री आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि 1998 में प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। सरकार ने आदेश जारी किया कि सभी स्कूलों में सरस्वती वंदना व वंदे मातरम् को अनिवार्य किया जाए। इस पर विवाद बढ़ा… अटल बिहारी वाजपेयी जब लखनऊ दौरे पर आए और उनको जब जानकारी हुई तो उन्होंने मुख्यमंत्री को बुलाकर इस आदेश को वापस लेने का आदेश दिया। क्या भाजपा इस घटना पर माफी मांगेगी? भाजपा वंदे मातरम् के विषय पर, उसके पूर्ण स्वरूप को वापस लाने के लिए चर्चा नहीं करवा रही है बल्कि वे केवल इस देश की विचारधारा को बांटने के लिए, मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए और बंगाल के चुनावों के तहत इस पर चर्चा करवा रही है।