लखनऊ. हाल के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सीटों और वोटों की हार के बाद कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अब यहां के विधान भवन परिसर में अपना कार्यालय खो सकती है. सात चरणों में हुए चुनाव में बसपा केवल एक सीट जीतने में सफल रही, जबकि कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत हासिल की.

राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने 8 जीते और निषाद पार्टी ने 6 जीते हैं. प्रत्येक को एक कार्यालय कक्ष आवंटित किया जाएगा. एक अधिकारी ने कहा कि परंपरा के अनुसार, विधानसभा की कम से कम एक प्रतिशत या कम से कम 4 सीटें जीतने वाली पार्टियों को परिसर में कार्यालय कक्ष प्राप्त करने का अधिकार है. साल 2017 के चुनावों में रालोद ने केवल एक सीट जीती और उसे परिसर में कार्यालय नहीं मिला. केवल दो सीटें जीतने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ ‘राजा भैया’ के नेतृत्व वाले जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) को भी पद नहीं मिल सकता है.

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अधिकारी ने कहा, “हालांकि, अध्यक्ष 4 से कम विधायकों वाली पार्टियों को सम्मेलन को अलग करते हुए एक कार्यालय आवंटित कर सकते हैं. 4 से कम विधायकों वाले राजनीतिक दलों को कार्यालय कक्षों का आवंटन अध्यक्ष के विवेक पर है.” ऑफिस रूम मिलने पर पार्टियों को भी स्टाफ मिलता है. वहीं 255 सीटें जीतने वाली बीजेपी, एसपी 111, रालोद 8, एसबीएसपी 6, अपना दल 12 और 6 सीटें जीतने वाली निषाद पार्टी ऑफिस रूम के हकदार हैं.