विक्रम मिश्र,लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती इन दिनों अपने दो फैसलों को लेकर सुर्खियों में रही। जिनमें से एक बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सागर के बेटे की शादी सपा के विधायक की बेटी से करने पर उनका पार्टी से निष्कासन। वहीं दूसरा पूर्व बसपा सांसद मुनकाद अली के बेटे की शादी में बसपाइयों को जाने से रोकना। अब इन दोनों मामले पर बसपा प्रमुख मायावती ने सफाई दी है।

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उंन्होनें कहा कि पार्टी काम बाधित हो रहा था इस वजह से कार्रवाई करनी पड़ी। बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सागर का बसपा नेता प्रमोद कुमार से विवाद चल रहा था जिसकी वजह से पार्टी के तमाम कार्यक्रमो में समस्या उत्पन्न हो रही थी। जिसकी वजह से उनको पार्टी से हटाया गया है। मायावती ने सफाई देते हुए कहा कि विवाह एक सामाजिक बंधन है। पार्टी लाइन से उठकर कोई किसी से भी विवाह कर सकता है।

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मुनकाद अली का मामला अलग है

वहीं मुनकाद अली के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि पूर्व बसपा सांसद मुनकाद अली के बेटे की शादी में पार्टी के लोगों को शामिल होने से इसलिए रोका गया, क्योंकि उनकी बेटी ने सपा के टिकट पर मीरापुर से विधानसभा उपचुनाव लड़ा था। मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा की शादी पूर्व सांसद कादिर राणा के बेटे शाह मोहम्मद से हुई है। इस सीट पर बसपा ने भी चुनाव लड़ा था। ऐसे में शादी में दोनों दलों के लोगों के बीच टकराव की संभावना को लेकर आम चर्चा थी। जिसकी वजह से कार्रवाई की गई थी।