विक्रम मिश्र, लखनऊ। जब से लखनऊ स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को साकार किया गया है। तब से ही राजधानी स्थित लखनऊ स्थित विकास प्राधिकरण और नगर निगम के साथ बिल्डर्स का कॉकटेल निर्मित हो गया। पिछले साल की अलाया अपार्टमेंट की घटना तो आपको याद ही होगी। जहां यजदान बिल्डर बेसमेंट की खुदाई के साथ निर्माण कार्य करवा रहा था। इसी दौरान अलाया अपार्टमेंट ताश के पत्तों की तरह गिर गया और 5 लोगो की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद युद्ध स्तर पर अवैध बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

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इस घटना से प्रशासन ने सबक नहीं ली और फिर इंडस्ट्रियल इलाके ट्रांसपोर्ट नगर में भारी बारिश के कारण एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग गिर गई। जिसके बाद फिर विकास प्राधिकरण गहरी नींद से जागा। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सबकुछ सही और मानचित्र के अनुसार हो इसकी परिकल्पना के साथ ड्राइव्स चलाई। दिखावे के लिए कुछ लोगों पर कार्रवाई की गई लेकिन बाद में सबकुछ शिथिल और शांत हो गया।

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एलडीए के मुखिया का ट्रांसफर भी हुआ था

लखनऊ को सुनियोजित और सुव्यवस्थित करने की जिम्मेदारी लखनऊ विकास प्राधिकरण की है। जब ये घटनाएं सामने आई तो लोकभवन तक हलचल तेज हो गई और तत्कालीन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी का तबादला करके, उनकी जगह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष सचिव प्रथमेश कुमार को एलडीए की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके आने पर भी आदेश दर आदेश की प्रतियां सामने आई और लखनऊ को आदर्श स्थिति में लाने की व्यवस्था बनने की उम्मीद सी जगी लेकिन कुछ दिन बाद ही सब ‘ढाक के तीन पात’ टाइप महसूस होने लगा।

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सभी 8 जोन में ही बिल्डर्स कर रहे मनमानी

लखनऊ नगर निगम और प्राधिकरण 8 जोनों में विभाजित है। ऐसे में जोन 6 और जोन 7 अति महत्वपूर्ण इसलिए भी हो जाते है क्योंकि यहां के कुछ इलाके हेरिटेज आर्क जोन में आते है। जिसकी महती ज़िम्मेदारी भारतीय पुरातत्व विभाग के पास होती है। ऐसे में ज़ोन 7 में पुलगाम पुलिस चौकी के पास का इलाका भी स्मार्ट सिटी की हेरिटेज जोन में आता है। फिर भी यहां पर बन रही ये गगनचुम्बी इमारत भ्रष्ट तंत्र की इबारत लिख रही है। जोन 7 में ज्यादातर इमारतें या मकान पुराने समय के निर्मित है, जबकि यहां की सड़कें और गलियां भी सकरी है। फिर भी इस तरह से अवैध खुदाई और गगनचुम्बी इमारत के निर्माण के लिए NOC संबंधित विभाग से कैसे प्राप्त कर लिया गया, ये जांच का विषय है। इसके साथ उक्त मामले में तमाम शिकायतें भी पुलिस थानों और चौकियों पर दी जाती है, फिर भी दम ठोक कर काम किया जा रहा है।