बुलंदशहर. 2018 के चर्चित स्याना हिंसा कांड में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. एडीजे-12 न्यायाधीश गोपाल की अदालत ने इस मामले में सभी 38 आरोपियों को दोषी करार दिया था. इसमें से 5 आरोपी इंस्पेक्टर की हत्या के लिए दोषी पाए गए थे, जबकि बाकी 33 को बलवा, जानलेवा हमला (IPC 307), आगजनी, और अवैध हथियारों के प्रयोग जैसी गंभीर धाराओं में दोषी माना गया था. कोर्ट ने हत्या के लिए दोषी 5 आरोपियों को आजीवन कारावास और 33 दोषियों को 7 साल की कैद के साथ आर्थिक जुर्माना लगाया है.

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जानिए क्या था पूरा मामला

3 दिसंबर 2018 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के स्याना थाना क्षेत्र के महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने से माहौल तनावपूर्ण हो गया. जानकारी फैलते ही हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर पहुंची और गोकशी का विरोध शुरू कर दिया. बताया जाता है कि योगेश राज नामक व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को उकसाया और भीड़ को इकट्ठा कर लिया. इस भीड़ ने गोवंश के अवशेषों को ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर बुलंदशहर हाइवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी की ओर कूच किया.

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भीड़ ने हाइवे को पूरी तरह से जाम कर दिया. जब पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, तो भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया. इस हिंसा में तत्कालीन कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गई. वे भीड़ को शांत कराने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान चिंगरावठी गांव के युवक सुमित को भी गोली लग गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए गोकशी के आरोप में 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. इसके बाद माहौल पर धीरे-धीरे काबू पाया गया और तनाव कम हुआ.