वाराणसी. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव ‘काशी उत्सव’ मंगलवार को यहां रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र में शुरू हुआ. आईजीएनसीए की निदेशक प्रियंका मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार और वाराणसी प्रशासन के सहयोग से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

वाराणसी को इस उत्सव के लिए अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, शानदार इतिहास और सुंदरता के कारण चुना गया है. त्योहार के सभी दिन के लिए एक थीम समर्पित की गई है, जिसमें ‘काशी के हस्ताक्षर’, ‘कबीर, रैदास की बानी और निर्गुण काशी’ और ‘कविता और कहानी- काशी की जुबानी’ शामिल हैं. पहले दिन भारतेंदु हरिश्चंद्र और जयशंकर प्रसाद सहित प्रख्यात साहित्यकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जबकि दूसरे दिन प्रमुख कवियों, संत रैदास और संत कबीरदास पर बात की जाएगी और अंतिम दिन गोस्वामी तुलसीदास और मुंशी प्रेमचंद केंद्र बिंदु के रूप में होंगे.

यह आयोजन पैनल चर्चा, प्रदर्शनियों, फिल्म स्क्रीनिंग, संगीत, नाटक और नृत्य प्रदर्शन के माध्यम से काशी के इन व्यक्तित्वों पर जोर देगा. डॉ. कुमार विश्वास 16 नवंबर को ‘मैं काशी हूं’ पर प्रस्तुति देंगे, जबकि भाजपा सांसद मनोज तिवारी अंतिम दिन ‘तुलसी की काशी’ पर संगीतमय प्रस्तुति देंगे. महोत्सव में कलापिनी कोमकली, भुवनेश कोमकली, पद्म श्री भारती बंधु और मैथिली ठाकुर जैसे कलाकारों द्वारा कई भक्ति प्रदर्शन भी होंगे. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से भारती शर्मा द्वारा निर्देशित रानी लक्ष्मी बाई पर आधारित नाटक ‘खूब लड़ी मदार्नी’ 18 नवंबर को एनएसडी के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा. जयशंकर प्रसाद की क्लासिक कविता पर आधारित ‘कामायनी : डांस ड्रामा’ पर एक और नाट्य प्रस्तुति 16 नवंबर को होगी.

आईजीएनसीए की फिल्में, जिनमें वीरेंद्र मिश्रा की ‘बनारस एक सांस्कृतिक प्रयोगशाला’, पंकज पाराशर द्वारा निर्देशित ‘मेरी नजर में काशी’ और ‘मनभवन काशी’, दीपक चतुवेर्दी द्वारा निर्देशित ‘काशी पवित्र भुगोल’, सत्यप्रकाश उपाध्याय की ‘मेड इन बनारस’ शामिल हैं. कार्यक्रम के दौरान राधिका चंद्रशेखर की ‘काशी गंगा विश्वेश्वरै’ और ‘मुक्तिधाम’, अर्जुन पांडे की ‘काशी की ऐतिहसिकता’ और ‘काशी की हस्तियां’ दिखाई जाएंगी. महोत्सव में पुस्तकों और छह साहित्यिक हस्तियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिनके विषय आईजीएनसीए और साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा तैयार किए गए हैं.