नई दिल्ली. देशभर के किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. गाजीपुर बार्डर पर किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच बुधवार को भिड़ंत हो गई. बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ता नवनियुक्त प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि का स्‍वागत करने वहां पहुंचे थे. लेकिन उसी दौरान बवाल शुरू हो गया. इस घटना पर किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर किसानों के मंच पर कब्‍जा करने का आरोप लगाया और कहा कि पिछले तीन दिन से यहां पुलिस के संरक्षण में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की जा रही थी.

टिकैत ने यहां तक कहा कि कोई मंच पर कब्जा करने की कोशिश करेगा तो बक्कल उतार देंगे. उनको आना है तो बीजेपी छोड़ कर आ जाएं. उन्‍होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता पिछले तीन दिन से आ रहे हैं. पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है. पुलिस गुंडई छोड़ दे. बीजेपी की वर्कर न बने. बताया जा रहा है कि किसानों और भाजपा समर्थकों के बीच बवाल के बाद हालात इतने खराब हो गए कि भाजपा नेता की गाड़ी को निकालने के लिए पुलिस को काफी मशक्‍कत करनी पड़ी. किसान नेता राकेश टिकैत ने इस पूरी स्थिति के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस को जिम्‍मेदार ठहराते हुए कई गंभीर आरोप लगाए. उन्‍होंने कहा कि मंच सड़क पर है लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि कोई भी मंच पर आ जाएगा. यदि मंच पर आना है तो भाजपा छोड़कर आएं.

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उन्‍होंने कहा कि यहां यह दिखाने की कोशिश की गई कि हमने गाजीपुर के मंच पर भाजपा का झंडा फहरा दिया. यह बिल्‍कुल गलत बात है. ऐसे लोगों के बक्‍कल उधेड़ देंगे. ये लोग फिर प्रदेश में कहीं नज़र नहीं आएंगे. इस बारे में भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज सुनियोजित ढंग से गाजीपुर बार्डर पर फ्लाईवे के बीच मंच के पास भारी संख्‍या में जुटान की. उन्‍होंने अपने नेता के स्‍वागत के बहाने वहां ढोल बजाकर किसान आंदोलन के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. किसानों ने मना किया तो लाठी-डंडे से हमला बोल दिया. यूनियन ने भाजपा पर आंदोलन को तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया.

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