गोविंद पटेल, कुशीनगर. नगरपालिका में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता पखवाड़े की शुरुआत हो चुकी है. जगह-जगह स्वच्छता रैली निकालकर स्वच्छता का संदेश दिया जा रहा. लेकिन दूसरी तरफ सड़कों के किनारे जगह-जगह फैली गंदगी ही इस स्वच्छता अभियान पर प्रश्न चिन्ह खड़ी कर रही है. वहीं नगरपालिका में करोड़ों की लागत से बना कूड़ा निस्तारण केन्द्र धूल फांक रहा है. जिसके चलते जगह-जगह मुख्य मार्गों के किनारे लगे कुड़े के ढेर नगरपालिका के पालिका की स्वच्छता अभियान कि पोल खोल रहा है. नगरपालिका की लापरवाही से गलियों और सड़कों से निकलने वाला सैकड़ों टन कूड़ा सड़क और नदी नालों के किनारे फेका जा रहा है. जिसके चलते नालों का जल दूषित हो रहा है. इस कूड़े के ढेर से निकलने वाली दुर्गंध से राहगीरों का उस रास्ते से निकलना मुश्किल हो रहा है.

नगरपालिका परिषद कुशीनगर में स्वच्छता अभियान केवल कागज में चल रहा है. लेकिन जमीनी धरातल पर स्वच्छता दम तोड़ रही है. कुशीनगर नगरपालिका अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थली होने के चलते यहां देश विदेश से पर्यटक आते रहते हैं. लेकिन मुख्य मार्ग के किनारे लगे कुड़े के ढेर यहां की स्वच्छता की पोल खोलती नजर आ रही है. एक तरफ स्वच्छता पर नगरपालिका पालिका परिषद कुशीनगर साफ-सफाई की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए रोजाना लाखों रुपये खर्च कर रहा है. कचरा गाड़ी सहित डस्टबिन खरीदे गए हैं और जगह जगह लगाए गए हैं. लेकिन इसके बाद भी यहां के हर-गली मोहल्ले में गंदगी के ढेर आसानी से देखने को मिल जाते हैं. स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर सिर्फ कागजों में दिखावा हो रहा है.

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इधर जिम्मेदार केवल फोटो खींचाकर खानापूर्ति में लगे रहते हैं. शहर के बीच से गुजरने वाले मुख्य मार्गों के पटरियों पर रोजाना सैकड़ों ट्राली कूड़ा लाकर गिराया जाता है. पूरे शहर का कूड़ा ट्रैक्टर-ट्राली और नगर पालिका के वाहनों से लाकर गिराया जाता है. इस पर ना तो किसी विभागीय जिम्मेदार की नजर पड़ती है और न ही किसी जनप्रतिनिधि की. बजबजाते कूड़े के ढेर के पास के रास्ते से गुजरने वाले राहगीर अपने मुंह पर रुमाल दबाकर गुजरते हैं.