रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को दंतेवाड़ा जिले में इंद्वरावती नदी पर 47 करोड़ रुपए की लागत से बने छिंदनार पुल को बस्तर अंचल की जनता-जनार्दन को समर्पित कर पूरे बस्तर अंचल सहित अबूझमाड़ के विकास का एक नया द्वार खोल दिया है. यह पुल दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर जिले को और बस्तर को अबूझमाड़ से जोड़ेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंदनार का यह पुल कोई साधारण पुल नहीं, बल्कि यह बस्तर से लेकर अबूझमाड़ तक के विकास का असाधारण पुल है. इसके जरिए विकास की किरणें अब अबूझमाड़ में पहुंचने लगी है. इस पुल के बन जाने से इंद्रावती नदी के दोनों तरफ के न सिर्फ गांव जुड़े है, बल्कि इससे विकास और बुनियादी सुविधाएं आम जनता तक पहुंचने लगी है. मुख्यमंत्री ने छिंदनार पुल के लोकार्पण के मौके पर दंतेवाड़ा जिले को 251 करोड़ के 814 विकास एवं निर्माण कार्यों की सौगात दी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कटेकल्याण और कारली में नव स्थापित डेनेक्स गारमेंट फैक्टरी का भी उद्घाटन किया. दंतेवाड़ा जिले में एक वर्ष के भीतर इन दोनों गारमेंट फैक्टरियों को मिलाकर कुल चार नई फैक्टरियां प्रारंभ हो चुकी है. इससे पहले हारम और बारासूर में गारमेंट फैक्टरी शुरू हुई थी. गारमेंट फैक्टरियों के माध्यम से अब तक 30 करोड़ रुपए के मूल्य के कपड़े की आपूर्ति पूरे देश में की जा चुकी है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में इंद्रावती नदी के उस पार की ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए, कुंआकोंडा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवन निर्माण के लिए 2.50 करोड़, कटेकल्याण के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के जीर्णोंद्धार के लिए 2 करोड़ रूपए, स्वरोजगार के लिए 5 करोड़ रूपए दिए जाने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में चंदखुरी कौशल्या माता मंदिर की तर्ज पर ज्योति कलश कक्ष का निर्माण कराए जाने के साथ ही इन्द्रावती नदी में छिंदनार पुल के निर्माण में बलिदान देने वाले पाहुरनार के पूर्व सरपंच स्वर्गीय पोसेराम कश्यप के नाम पर इस पुल का नामकरण किए जाने का एलान किया. उन्होंने छिंदनार पुल के निर्माण में शहीद हुए प्रधान आरक्षक स्वर्गीय लक्ष्मीकांत द्विवेदी की शहादत को नमन किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंदनार का पुल बन जाने से इन्द्रावती नदी के उस पार के गांव और पारों में विकास ने एक नई करवट ली है. दुर्गम वनांचल के गांव में अब शासकीय अमले और शासकीय योजनाओं का लाभ सहजता से पहुंचने लगा है. पुल न होने की वजह से आम लोगों को हो रही दिक्कते अब खत्म हो गई है. इन्द्रावती नदी के पार वाले गांवों में अब वक्त जरूरत पर लोगों को 108 संजीवनी एक्सप्रेस और 102 महतारी एक्सप्रेस, 112 की सुविधाएं मिलने लगी है. यह पुल सही मायने में विकास का नया द्वार बन गया है. इसके माध्यम से अब गांवों में आंगनबाड़ी, स्कूल भवन निर्माण, विद्युतीकरण जैसे कार्य तेजी से होने लगे है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दंतेवाड़ा-छिंदनार इलाके से लेकर अबूझमाड़ तक विकास और बदलाव की शुरुआत हो चुकी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि तुमरीगुंडा गांव में 2 करोड़ से अधिक राशि की लागत से 18 पारों में 18 ट्रांसफार्मर लगाकर शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य कराया गया है. नदी के उस पार के क्षेत्र में भी विद्युतीकरण के लिए भी 3.91 करोड़ रूपए की लागत के कार्य स्वीकृत किए गए है. ग्रामीणों को नल के जरिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जलजीवन मिशन के कार्य भी शुरू करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल का निर्माण आसान काम नहीं था. इसके लिए सुरक्षा बल के जवानों ने दिन-रात अपने प्राणों की बाजी लगाकर सहयोग दिया. मुख्यमंत्री ने छिंदनार पुल के निर्माण के दौरान सुरक्षा में लगे सभी जवानों को बधाई और शुभकामनाएं दी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनांचलों में लोगों को रोजगार देने के लिए कोदो, कुटकी, रागी, मक्का समेत अन्य मिलेट्स की खरीदी और वनोपज के वैल्यू एडीशन के माध्यम से रोजगार के नए मार्ग खुले हैं. दंतेवाड़ा जिले में अमचुर निर्माण के लिए नये तरीके अपनाये गए, जिससे यहां के लोगों की आमदनी बढ़ी है. आज यहां का डेनेक्स पूरे हिंदुस्तान को कपड़ा पहनाने का काम कर रहा है. हमारी आदिवासी बहनें निपुणता से गारमेंट तैयार कर रही है. डेनेक्स में 700 बेटियां काम कर रही है, जिन्हें 8 से 10 हजार की प्रतिमाह आमदनी हो रही है. उन्होंने कहा कि अभी 400 बेटियों को गारमेंट निर्माण का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों की ऋण माफी के साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से उनकी उपज का उचित मूल्य देने का काम किया है. लघु वनोपजों की संख्या भी 7 से बढ़ाकर 52 कर दी गई है. इसके साथ ही इनके वेल्यू एडिशन का कार्य भी किया जा रहा है. इन कार्यों से जनता का विश्वास सरकार के प्रति बढ़ा है. नदी उस पार 300 से अधिक वनाधिकार के पट्टे दिए गए हैं. इन्द्रावती नदी के पार के गांव चेरपाल, तुमरीगुण्डा, पाहुरनार, कौरगांव सहित अनेक गांवों तक पहुंचने और वहां के लोगों को आने-जाने की सुविधा के साथ ही वर्षों पुराना सपना पूरा हुआ है. अब इन गांवों में भी बीजापुर, सुकमा की तरह तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए फड़ का निर्माण किया जाएगा, जिससे यहां के लोगों को भी प्रति मानक बोरा 4 हजार रूपए की आय होगी.

कार्यक्रम को जिले के प्रभारी मंत्री एवं उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा और सांसद दीपक बैज एवं विधायक देवती महेन्द्र कर्मा, बीजापुर विधायक विक्रम मण्डावी ने भी संबोधित किया. इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष तुलिका कर्मा, जिला पंचायत सदस्य सुलोचना कर्मा, पार्टी पदाधिकारीगण अवधेश सिंह गौतम, शकील रिजवी, वीरेन्द्र गुप्ता, विमल सुराना, सुभाष सुराना एवं अन्य जनप्रनिधिगण, पुलिस महानिरीक्षक आनन्द छाबड़ा, पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज पी. सुन्दर राज, आयुक्त बस्तर संभाग श्याम धावड़े, कलेक्टर दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी, सीईओ जिला पंचायत आकाश छिकारा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे.