लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने बीते आठ वर्षों में ऐतिहासिक छलांग लगाई है। आजादी के समय प्रदेश में केवल दो मेडिकल कॉलेज थे। 1947 से 2017 तक यह संख्या 40 तक पहुंची यानी 70 वर्षों में सिर्फ 40 कॉलेज बने। लेकिन मौजूदा सरकार के आठ साल में ही 40 नए मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुए हैं, जिससे कुल संख्या 80 से अधिक हो गई है।

दो नए एम्स की स्थापना की गई

उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने के लिए गोरखपुर और रायबरेली में दो नए एम्स की स्थापना की गई है। आज सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़कर 6,550 हो गई है, जबकि 31 नर्सिंग कॉलेज भी संचालन में आ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में गरीब, किसान, महिलाएं और वंचित वर्ग कभी स्वास्थ्य एजेंडे में प्राथमिकता में नहीं थे, लेकिन मौजूदा सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत हर गरीब को सालाना 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया है। अब तक 5 करोड़ 34 लाख गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

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स्वास्थ्य सूचकांकों में हुआ जबर्दस्त सुधार

सीएम योगी ने बताया कि यही नहीं, स्वास्थ्य सूचकांकों में भी जबरदस्त सुधार हुआ है। संस्थागत प्रसव दर जो पहले 67.8% थी, वह अब 96.1% तक पहुंच गई है। मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 201 से घटकर 141 और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 43 से घटकर 37 हो गई है। एन्सेफलाइटिस से होने वाली मौतों में 99% की कमी आई है और टीकाकरण का स्तर बढ़कर 99.31% हो गया है। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन अभियान भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।