लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में केंद्र व राज्य स्तरीय बोर्ड परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त मेधावियों का सम्मान करने और टैबलेट वितरण के साथ ही 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता 2024-25 में प्रदेश के स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पिछले 8 वर्ष में हम माध्यमिक शिक्षा और स्कूली शिक्षा की तकदीर और तस्वीर को बदलने में सफल हुए हैं।

बेसिक एजुकेशन बंदी की ओर जा रही थी

सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले बेसिक एजुकेशन लगभग बंदी की ओर जा रही थी। लगातार छात्र संख्या में गिरावट आ रही थी। माध्यमिक शिक्षा नकल का अड्डा बन गई थी। आप सौभाग्यशाली हैं कि ऐसे समय में करियर को बना रहे हैं जब प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट नहीं है। आज का उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य से भारत का ग्रोथ इंजन बन चुका है। डबल इंजन की सरकार ने इन दोनों प्रकार के अनाचार को रोक करके पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली को प्रदेश में अपनाया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने उत्तर प्रदेश में दो नए बिजनेस खोले थे। एक नकल के नाम पर और दूसरा ट्रांसफर पोस्टिंग का। प्रदेश में थोक के भाव में नकल के अड्डे संचालित होते थे। बाहरी छात्र केवल फॉर्म भरते थे और उनके नाम पर कोई दूसरा परीक्षा दे देता था। वहीं, यहां ट्रांसफर-पोस्टिंग का भी एक उद्योग चलता था। आज प्रदेश में हमने तय किया है कि परीक्षा वहीं होगी जहां सीसीटीवी कैमरे होंगे बाउंड्री वाल होगी, इंफ्रास्ट्रक्चर और फर्नीचर होगा। अब परीक्षा 2-3 महीने नहीं चलती, बल्कि 13-14 दिन के अंदर संपन्न होती है।

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60 हजार पुलिस कार्मिकों को देंगे नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हर एक क्षेत्र में 8 लाख से अधिक युवाओं को हमने पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी दी है। 15 जून को 60 हजार 244 पुलिस कार्मिकों की नियुक्ति का कार्यक्रम करने जा रहे हैं, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी मुख्य अतिथि होंगे। इन 60000 में 12000 से अधिक बेटियां हैं। 1947 से 2017 के बीच केवल 10000 बेटियों की भर्ती हुई थी, लेकिन यहां एक बार में ही 12000 से अधिक बेटियां भर्ती हो रही हैं।

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यह दिखाता है सरकार में काम करने की इच्छा शक्ति होनी चाहिए। परीक्षा छात्रों को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि उनके अंदर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करने का माध्यम होना चाहिए। राजकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की कंप्लेंट करें। मुख्यमंत्री ने हंगामा करने वाले छात्रों को नसीहत देते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव भी होना चाहिए। समाज के प्रति और राष्ट्र के अपनी जिम्मेदारियों का भाव होना चाहिए। राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। जो नुकसान करता है उसको टोकिए।