लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के कार्याें की समीक्षा की और सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांग युवाओं के लिए संचालित शैक्षिक संस्थानों में प्रशासनिक तंत्र को संवेदनशील, सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुछ अराजक तत्वों द्वारा सुनियोजित ढंग से दिव्यांगजनों के विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में भ्रम फैलाकर उन्हें अवांछित और समाजविरोधी गतिविधियों की ओर प्रवृत्त करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।

दिव्यांगजनों को बसों में निःशुल्क यात्रा

सीएम योगी ने कहा कि ऐसी प्रवृत्तियों के प्रति हमें पूर्णतः सतर्क रहते हुए विद्यार्थियों की सुरक्षा और मानसिक-सामाजिक संरक्षण सुनिश्चित करना होगा। इन संस्थानों में सहायता के नाम पर प्रस्ताव देने वाली बाहरी संस्थाओं की पृष्ठभूमि की गहन जांच-पड़ताल के उपरान्त ही उनकी अनुमति दी जाए। दिव्यांगजनों को राज्य परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

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31 लाख से अधिक दिव्यांगजनों ने उठाया लाभ

सीएम योगी ने बताया कि बीते वित्तीय वर्ष में 31 लाख से अधिक दिव्यांगजनों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। 25 जनपदों में स्थापित ‘चाइल्ड डे केयर सेन्टरों’ में दृष्टि, श्रवण एवं मानसिक रूप से दिव्यांग 1,390 बच्चों को आवश्यक प्रशिक्षण एवं शिक्षा दी जा रही है। वर्तमान में राज्य में संचालित 16 विशेष विद्यालय, 07 समेकित विद्यालय एवं 05 मानसिक पुनर्वास केन्द्रों के माध्यम से 1,680 बच्चों को आवासीय शिक्षा प्रदान की जा रही है। अब तक प्रदेश में 15 लाख दिव्यांगजन यूडीआईडी पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें अधिकांश को यूनिक आईडी कार्ड निर्गत किए जा चुके हैं।

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कौशल विकास पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, लखनऊ स्थित ‘डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय’ तथा चित्रकूट स्थित ‘जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय’ में कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जाए और इन संस्थानों का प्रचार-प्रसार राष्ट्रीय स्तर पर किया जाए, ताकि देशभर के इच्छुक दिव्यांगजन इन संस्थानों से जुड़ सकें। प्रदेश के सभी 18 मण्डल मुख्यालयों पर ‘दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों’ की स्थापना प्राथमिकता के आधार पर की जाए, ताकि पुनर्वास, शिक्षा और कौशल विकास से सम्बन्धित सेवाएं स्थानीय स्तर पर ही सुलभ हो सकें।