लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन को संबोधित करते हुए राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने 1947 से 2017 तक विपक्षी दलों के कार्यकाल की तुलना अपने साढ़े आठ साल (2017-2025) के कार्यकाल से की और ऊर्जा क्षेत्र में आए क्रांतिकारी बदलावों पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने बताया कि 1947 से 2017 तक ऊर्जा क्षेत्र सीमित क्षमता और अनियमित आपूर्ति से जूझता रहा, जहां कुल उत्पादन क्षमता मात्र 12,000 मेगावॉट थी।

योगी सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की

यह उद्योग, खेती और घरेलू उपभोग की जरूरतों को पूरा करने में अपर्याप्त थी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली की अनुपलब्धता के कारण सिंचाई, शिक्षा और छोटे उद्योग प्रभावित होते थे। दोगुने से भी अधिक बढ़ी मांग को सफलतापूर्वक पूरा कर रही सरकार। वहीं, 2017 से 2025 तक योगी सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की। मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्युत उत्पादन क्षमता में 8,000 मेगावॉट की वृद्धि हुई, जिससे कुल क्षमता अब 20,000 मेगावॉट से अधिक हो गई है। 2016-17 में जहां बिजली की पीक डिमांड 16,000 मेगावॉट थी, वहीं अब यह बढ़कर 33,000 मेगावॉट हो गई है और सरकार इस दोगुने से भी अधिक बढ़ी मांग को सफलतापूर्वक पूरा कर रही है।

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ग्रामीण विद्युतीकरण में भी हुआ अभूतपूर्व सुधार

उन्होंने बताया कि ग्रामीण विद्युतीकरण में भी अभूतपूर्व सुधार हुआ है, जहां 2017 में 1.28 लाख मजरों के मुकाबले जून 2025 तक 2.50 लाख मजरे विद्युतीकृत किए गए। बिजली आपूर्ति समय में भी सुधार हुआ, जिसमें जिला मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 21 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा, पिछले आठ वर्षों में विद्युत बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 3 नए 765 केवी पारेषण उपकेंद्र, 21 नए 400 केवी सब स्टेशन, 72 नए 220 केवी स्टेशन और 99 नए 132 केवी सब स्टेशन स्थापित किए गए। इन सुधारों ने बिजली वितरण नेटवर्क को विश्वसनीय बनाया।

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पर्याप्त बिजली से खेती की लागत कम हुई और उत्पादकता बढ़ी

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब देश के उन अग्रणी राज्यों में है, जो अपने किसानों को सबसे अधिक बिजली उपलब्ध कराते हैं, जिससे खेती की लागत कम हुई और उत्पादकता बढ़ी। साथ ही, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों से जुड़े व्यवसायियों के जीवन स्तर में सुधार हुआ। यह बदलाव केवल शहरी उद्योगों तक सीमित नहीं, बल्कि ग्रामीण किसानों, छात्रों, छोटे दुकानदारों और घरेलू उपभोक्ताओं तक पहुंचा है। सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ऊर्जा क्षेत्र में और सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है, जो प्रदेश के समग्र विकास और जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में योगदान देगा।