गोरखपुर । सीएम योगी मंगलवार को चरगांवा में नगर निगम के गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन (जीटीएस) का लोकार्पण करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के अंतर्गत नगर निगम के इस गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन के निर्माण पर कुल 9.89 करोड़ रुपये की लागत आई है। जीटीएस के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हर व्यक्ति को क्वालिटी ऑफ लाइफ देने के लिए देश में 2014 से प्रदेश में 2017 से जो कार्य हो रहे हैं, वे पहले भी हो सकते थे। पर, तब सत्ता में ऐसे लोग थे जो कुछ नहीं कर पाए।
भगवान परशुराम जयंती की दी बधाई
सभी नागरिकों को अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम जयंती की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी कार्य को करने के लिए विजन चाहिए। विजन को धरातल पर उतारने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और ईमानदारी से कार्य करने की प्रवृत्ति चाहिए। परिकल्पना को परिणाम में बदलने के लिए टीमवर्क चाहिए। पर, जहां परिवार को ही सबकुछ मान लिया जाता हो, वहां सत्ता में बैठे लोगों से कोई उम्मीद करनी बेमानी है। उन्होंने कहा कि 2017 से पूर्व प्रदेश में सपा और 2014 से पूर्व केंद्र में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल यही बेमानी करते रहे।
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गोरखपुर अब स्मार्ट सिटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में 2014 के पहले की सरकार के एजेंडे में देश नहीं था। इसी तरह 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की सरकार के एजेंडे में आम जनता नहीं थी। इन सरकारों के एजेंडे में सिर्फ वोट बैंक था। वोट बैंक के एजेंडे को लेकर पूर्व की इन सरकारों ने देश और प्रदेश की जो दुर्गति की वह सबके सामने है। पहले सड़क पर और नालियों में कूड़ा फेंक देने के कारण जलनिकासी नहीं हो पाती थी। सड़क पर गंदगी पसरी रहती थी। गंदगी से मच्छर पनपते थे, इंसेफेलाइटिस, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां होती थीं। जब मच्छर और बीमारी बढ़ेगी तो माफिया भी पनपेंगे। 2017 के पूर्व गंदगी, मच्छर, बीमारी और माफिया गोरखपुर की पहचान से जुड़ गए थे। जबकि आज का गोरखपुर स्मार्ट सिटी के रूप में स्वच्छता के लिए सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के नए मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।
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स्वच्छ भारत मिशन की महत्वपूर्ण भूमिका
सीएम योगी ने कहा कि 1977-78 से लेकर चार दशकों में 50 हजार मासूमों की मौत इंसेफेलाइटिस का चलते हुई थी। 2017 में प्रदेश में बनी डबल इंजन सरकार के प्रयासों आज इंसेफेलाइटिस पूरी तरह नियंत्रण में है। इंसेफेलाइटिस को नियंत्रित करने में पीएम मोदी द्वारा अक्टूबर 2014 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इंसेफेलाइटिस नियंत्रित होने से हजारों नौनिहालों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लोगों को बीमारियों से बचाने और स्वच्छ-सुंदर वातावरण देने के लिए घर-घर शौचालय बनवाए गए, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा रहा तथा हर घर नल से जल की सुविधा दी जा रही है।
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सिटी को जलजमाव से भी मिलेगी मुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में वेस्ट मैनेजमेंट के बेहतरीन काम हो रहे हैं। यहां कंस्ट्रक्शन वेस्ट से टाइल्स बन रहा है। सुथनी में 500 टन प्रतिदिन की क्षमता का वेस्ट टू चारकोल प्लांट लग रहा है। इसी क्रम में चरगांवा में 200 टन प्रतिदिन की क्षमता का गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन बना है। यहां चालीस वार्डों का कूड़ा निस्तारित होगा। इसी तरह का गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन लालडिग्गी में भी बनाया गया है। गोरखपुर में प्राकृतिक विधि से जलशोधन का भी नया मॉडल खड़ा किया गया है। पहले एक बरसात में ही शहर जलमग्न हो जाता था। गंदगी, मच्छर का अंबार लगने लगता था। 15 जून के बाद लोग इंसेफेलाइटिस की दहशत में रहते थे। गंदगी और मच्छर दूर करने के साथ ही अब शहर को जलजमाव से मुक्ति दिलाने की कार्ययोजना पूर्ण हो।रही है। इसके लिए गोड़धोइया नाला परियोजना जल्द ही पूरी हो जाएगी। इससे शहर को जलजमाव से मुक्ति मिलेगी, लोगों को आवागमन की सुगमता होगी और उन्हें स्वच्छ-सुंदर वातावरण मिलेगा।
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बदल चुका है गोरखपुर
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के विकास में चौड़ी सड़कों, ड्रेनेज सिस्टम, एम्स, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, खाद कारखाना और रामगढ़ताल से जुड़े कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज गोरखपुर बदल चुका है। यहां जो लोग भी आते हैं, इसके विकास को देखकर अभिभूत हो जाते हैं। आज का गोरखपुर नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का नया गोरखपुर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक देश के लिए नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने की अपील की है। इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में कार्य कर रही है।
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2070 तक हासिल करना है नेट जीरो का लक्ष्य
योगी ने कहा कि इस सिलसिले में प्रदेश सरकार ने स्ट्रीट लाइट व्यवस्था में हैलोजन की जगह एलईडी का इस्तेमाल किया है। इससे बिजली की बचत के साथ कार्बन उत्सर्जन रोकने में भी मदद मिली है। उन्होंने चुटकी लेते हुए पूर्व में प्रयुक्त होते रहे हैलोजन की तुलना समाजवादी पार्टी में होने वाली बिजली आपूर्ति से की। कटाक्ष करते हुए कहा कि सपा सरकार में जैसे बिजली आकर चली जाती थी, वैसे ही पुराने हैलोजन जलते जलते अचानक बुझ जाते थे।
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