लखनऊ. कांग्रेस 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा आंदोलन कर योगी सरकार को घेरने का प्लान कर रही है. कांग्रेस ने 18 दिसंबर को विधानसभा सत्र के दौरान किसान, बेरोजगारी और निजीकरण के मुद्दे को लेकर घेराव करने की तैयारी की है. जिसकी जानकारी विधायक आराधना मिश्रा मोना ने दी. कांग्रेस ने अपना पोस्टर भी जारी किया है. जिसमें लिखा हुआ है कि जनता मांगे जवाब! कब दोगे हिसाब?

इसे भी पढ़ें- Lalluram Exclusive: पुलिस की डर से होटल में छुपने पहुंची अतुल सुभास की सास, मदद करते कैमरे में कैद हुआ एक युवक, देखें VIDEO

बता दें कि विधायक आराधना मिश्रा ने प्रेसवर्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि भाजपा सरकार चर्चा से दूर भागती है. वे किसी भी चीज का जवाब देने के लिए तैयार नहीं है और एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी यह है कि हम सरकार की जवाबदेही उन विषयों पर तय करें. इन विषयों पर यूपी की जनता ने उन पर विश्वास किया है और उनको चुनकर भेजा है. आज ये सरकार लॉ एंड ऑर्डर से लेकर हर मामले में फेल साबित रही है.

इसे भी पढ़ें- ये सुशासन नहीं ‘कुशासन सरकार’ है! UP पुलिस से मदद मांगकर युवती ने कर दिया गुनाह, बदले में मिली जेल, तो डबल इंजन सरकार में ऐसे मिलता है न्याय?

आगे आराधना मिश्रा ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा, आज किसान खाद की बड़ी किल्लत से जूझ रहे हैं, डीएपी का दाम बढ़ रहा है और वजन कम हो रहा है और इन सब के बावजूद खाद्य मुहैया नहीं हो रही है. हम इस मुद्दे को लगातार विधानसभा में उठाने की कोशिश की है. लेकिन सरकार को लग रहा है कि सब ठीक है. इतना ही नहीं किसान के गन्ने के भुगतान को लेकर भी सवाल खड़ा किया है.

इसे भी पढ़ें- पुलिस का डर और… रात के अंधरे में अतुल सुभाष का साला और सास बाइक से हुई फरार, भागने का VIDEO आया सामने

अराधना मिश्रा ने बेरोजगारी को भी अहम मुद्दा बताया है. उन्होंने कहा, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक 100 में से 85 युवा बेरोजगार हैं. भाजपा सरकार युवाओं को नौकरी नहीं दे पा रही. उसके बदले लाठियां दे रही है. उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला भी दर्ज कर रही है. इस सरकार में 14 पेपर लीक हुए हैं, जो रिकॉर्ड है. 69000 शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट के कहने के बावजूद सरकार ने कुछ नहीं किया. इसके अलावा उन्होंने बिजली के निजीकरण के मुद्दे पर भी सरकार पर हमला बोला है. उनका कहना था कि सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये खतरनाक कदम उठा रही है.