लखनऊ। राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण ने इस साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यहां कोरोना जांच और इलाज़ को लेकर हालात बेहद खराब हो गए हैं. कोरोना जांच ज़्यादातर जगहों पर बंद है. वहीं बलरामपुर अस्पताल में जांच और ओपीडी सेवाएं भी बंद है. जबकि सिविल अस्पताल में लंबी लाइन लगी हुई है.

जांच करवाने आए मरीज और उनके परिजन डरे और सहमें हुए हैं. लोकबंधु अस्पताल और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी भी ओपीडी ठप पड़ी हुई है. उधर, पीजीआई और लोहिया संस्थान में भी हालत खराब होती जा रही है. सिविल अस्पताल में शनिवार को 13 चिकित्सक और उनके परिवार वाले संक्रमित पाए गए हैं. खास बात है कि यह सभी डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके हैं. संक्रमित ज्यादातर डॉक्टरों ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज 25 मार्च को ले ली थी.

लखनऊ में 24 घंटे में 4059 नए केस मिले हैं जबकि 23 लोगों ने दम तोड़ दिया. लखनऊ में अब 16990 एक्टिव केस हैं. लखनऊ के बाद प्रयागराज में 1460 नए केस आए हैं, यहां दो लोगों की मौत हो गई है. यहां पर 6902 एक्टिव केस हैं. वाराणसी में 983 और कानपुर नगर में 706 केस आए हैं. कानपुर में छह लोगों की मौत हुई है. इसके पहले शुक्रवार को 9695, आठ अप्रैल को 8490 और 11 सितंबर को 7103 मरीज पाए गए थे. इसके साथ ही प्रदेश में अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 6,76,739 हो चुकी है.

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एक ही मरीज के मोबाइल नंबर पर सात हजार कोरोना जांचें

बरेली में एक ही मोबाइल नंबर पर सात हजार से अधिक लोगों की कोरोना संक्रमण की जांचें करा दी गईं. इस मामले के सामने आने से स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े हो गए हैं. अब विभागीय अधिकारी अपनी अलग दलीलें देकर बचते देखे जा रहे हैं.

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