विक्रम मिश्र, लखनऊ. लखनऊ नगर निगम की सदन की बैठक हंगामों के साथ शुरू हुई. महापौर सुषमा खर्कवाल ने हंगामा देख बिना पटल पर विचार रखे सीधे चर्चा शुरू करा दी. इस पर उनकी ही पार्टी यानी भाजपा के 20 से ज्यादा पार्षद विरोध करने लगे और वेल में आकर खड़े हो गए. पार्षदों ने महापौर पर आरोप लगाते हुए सदन की कार्रवाई को इस प्रकार चलाने का विरोध किया. पार्षदों की मांग थी कि पिछले सदन में जो कार्रवाई हुई थी उसकी पुष्टि होनी चाहिए. साथ ही उसका रिकॉर्ड भी सदन में प्रस्तुत करना चाहिए.
पार्षद सफाई, कूड़ा, सड़क और सीवर को लेकर आक्रोशित हैं. अब भाजपा के पार्षद दो धड़ों में बंटे दिख रहे हैं. ऐसे में विपक्ष के साथ सत्तापक्ष के पार्षदों का रोष भी मेयर को झेलना पड़ रहा है. एक दिन पहले ही पार्षदों ने नगर निगम में ही अलग बैठकें की हैं. अपनी रणनीति बनाई है. बहरहाल, भाजपा पार्षद देव शर्मा मिश्रा, मुन्ना मिश्रा, नागेंद्र सिंह चौहान, राजेश सिंह गब्बर, प्रमोद सिंह राजान, भृगुनाथ शुक्ला समेत कई पार्षद विरोध में खड़े हो गए. पिछले सदन की बैठक में उठे मुद्दे और समस्याएं जो पार्षदों ने उठाए थे उसका निस्तारण नहीं होने पर भी जमकर हंगामा किया. पार्षदों ने कहा कि अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. सुनवाई नहीं करते.
पार्षद ने फेंका माइक
कार्यवाही के दौरान माइक खराब होने पर भी विवाद होने लगा. कई पार्षदों ने कहा की माइक से आवाज नहीं आ रही है. उनकी आवाज दबाई जा रही है. कुछ पार्षदों ने आरोप लगाते हुए माइक फेंक दिया.
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