बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली की एक विशेष अदालत ने लव जिहाद के मामले में आरोपी आलिम को उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबकि उसके पिता साबिर को दो साल की सजा मिली है. एडीजे रवि कुमार दिवाकर ने इस मामले में गंभीर टिप्पणियां करते हुए कहा कि यह प्रकरण अवैध धर्मांतरण से संबंधित है, जिसमें मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को शादी के माध्यम से निशाना बनाते हैं.
कोर्ट ने कहा कि यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह एक साजिश है, जिसके तहत देश में पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे हालात पैदा करने की कोशिश की जा रही है. आलिम ने आनंद नाम से एक छात्रा के साथ धोखे से शादी की और उसके साथ यौन शोषण किया. कोर्ट ने इसके लिए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 का उल्लेख किया, जो इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए पारित किया गया था.
कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले की प्रतिलिपि मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजी जाए. एडीजे ने कहा कि मनोवैज्ञानिक दबाव, लालच और अन्य प्रलोभनों के माध्यम से धर्मांतरण कराया जा रहा है, जिसमें विदेशी फंडिंग की आशंका भी है. कोर्ट ने कहा कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म को मानने और उसका प्रचार-प्रसार करने का मौलिक अधिकार देता है, जिसे लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण के रूप में नहीं बदलने दिया जा सकता.
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