पीलीभीत. उत्तर प्रदेश में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में प्रवेश करने वाले आगंतुकों के लिए कोरोना मामलों में उछाल के चलते कोविड -19 परीक्षण अनिवार्य होगा. इस फैसले को लेकर प्रशासन ने नोटिस जारी किया है.
पीलीभीत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आलोक शर्मा ने कहा कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व में इस समय दूर-दूर से आगंतुक आ रहे है. हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि रिजर्व में आने वाले लोगों का कोविड -19 परीक्षण किया जाए. इसकी व्यवस्था की जा रही है और हम शुक्रवार से सैंपलिंग शुरू कर सकेंगे. “रिजर्व में कई प्रवेश और निकास बिंदु हैं. स्वास्थ्य विभाग पर्यटकों से आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए नमूना एकत्र करने के लिए इनमें से प्रत्येक बिंदु पर एक टीम का गठन करेगा. कुछ पर्यटक अपने वाहनों में भी आरक्षित क्षेत्र में प्रवेश करते हैं. हमने व्यवस्था की है ताकि ऐसे पर्यटकों की भी सैंपलिंग सुनिश्चित हो सके. इसे लागू करने के लिए हमारा विभाग रिजर्व के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है.”
सीएमओ ने आगे कहा कि यदि कोई पर्यटक रिजर्व में रहते हुए कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे वर्तमान कोविड -19 प्रोटोकॉल के अनुसार समूह के साथ आइसोलेट कर दिया जाएगा. यदि पर्यटक आरटी-पीसीआर रिपोर्ट आने से पहले रिजर्व छोड़ देते हैं, तो उन्हें उनके घरों पर सूचित किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग और वन अधिकारी भी आने वाले दिनों में सभी वयस्क आगंतुकों के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र अनिवार्य करने की योजना बना रहे हैं. रिजर्व ने इससे पहले पिछले साल बुजुर्ग आगंतुकों (60 वर्ष से अधिक आयु) के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र आवश्यक किया था.
2013 में स्थापित पीलीभीत टाइगर रिजर्व देश के सबसे युवा टाइगर रिजर्व में से एक है. तराई क्षेत्र में स्थित, इसमें बाघों की एक स्वस्थ आबादी है जो बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है. रिजर्व में पर्यटन सीजन 15 नवंबर से शुरू होता है और सामान्य परिस्थितियों में 15 मई तक चलता है. हालांकि, कोविड -19 की पहली और दूसरी लहरों के कारण पिछले दो पर्यटन सीजन कम समय के लिए रहे है.