कानपुर. कानपुर पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने कथित तौर पर जाली दस्तावेजों और फर्जी पहचान का उपयोग करके 11,000 से अधिक सिम कार्ड जारी किए है. मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 800 फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए हैं. सभी सिम कार्ड वोडाफोन आइडिया के थे, जो फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक्टिवेट किए गए थे. फिर इन सिम को देश भर में अपराधियों और साइबर ठगों को बेच दिया गया.

सिम का इस्तेमाल छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और बिहार में आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जाता है. मामले की जांच तब शुरू हुई जब एक ट्रांसपोर्टर ने चकेरी थाने में 20 हजार रुपए की ठगी का मामला दर्ज किया. जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि एक ही नंबर पर 2,000 से अधिक सिम कार्ड सक्रिय थे. डीसीपी क्राइम, सलमान ताज पाटिल ने कहा कि वोडाफोन वितरक अभिषेक मिश्रा और हर्षित मिश्रा अपने ग्राहकों की तस्वीरों का दुरुपयोग करके फर्जी पहचान पत्र बनाते थे. इन नकली पहचान का उपयोग करके वे अत्यधिक दरों पर सिम कार्ड बेचते थे. इन सिम काडरें का उपयोग करके कई बैंक धोखाधड़ी की गई हैं.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि कंपनी की ओर से कथित अनियमितताएं स्पष्ट हैं और एक आधार कार्ड की मदद से हजारों सिम कार्ड जारी किए गए. क्राइम ब्रांच अब मामले में वोडाफोन आइडिया के अधिकारियों की कथित भूमिका की जांच कर रही है. क्राइम ब्रांच, कानपुर यूनिट भी इस संबंध में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखेगी. वे वोडाफोन आइडिया सिम कार्ड जारी करने की प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के बारे में भारत सरकार के दूरसंचार विभाग को भी पत्र लिखेंगे.

डीसीपी क्राइम के मुताबिक फर्जी आधार कार्ड ‘आधार प्रिंट’ नाम की वेबसाइट के जरिए बनाए गए थे, जो इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली वेबसाइटों में से एक रही है. आरोपी उन ग्राहकों की अतिरिक्त फोटो सेव करते थे जो उनसे सिम कार्ड खरीदते थे. उन तस्वीरों का गलत इस्तेमाल कर कई जाली आधार कार्ड बना लेते थे. डीसीपी क्राइम ने कहा कि हम सत्यापित कर रहे हैं कि वेबसाइट वैध है या नहीं. चूंकि यह एक निजी साइट है, इसलिए हमें वैधता की जांच करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि गिरोह का उद्देश्य अपनी बिक्री को बढ़ाना और इससे अधिक से अधिक लाभ कमाना था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि वोडाफोन आइडिया के वितरक अभिषेक मिश्रा और हर्षित मिश्रा ने यह फर्जीवाड़ा किया. अन्य संदिग्धों की भूमिका की जांच की जा रही है.