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लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने मानव तस्करी और जालसाजी के मामले का खुलासा करते हुए बंगाल के एक गिरोह के मास्टरमाइंड और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. ये गिरोह भारत में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या शरणार्थियों की तस्करी करता था. मास्टरमाइंड की पहचान मिथुन मंडल और उसके सहयोगी शान अहमद, मोमिनुर इस्लाम और महेंदी हसन के रूप में हुई है.
उन्हें आधार कार्ड और पासपोर्ट जैसे जाली दस्तावेजों का उपयोग करने के लिए दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से बुधवार को गिरफ्तार किया गया था. गिरोह के तीन लोगों को भारतीय पासपोर्ट पर दक्षिण अफ्रीका भेजा जाने वाला था. आईजी एटीएस गजेंद्र कुमार गोस्वामी ने कहा कि एटीएस उन गिरोहों को पकड़ने के लिए काम कर रहा था, जो बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को भारतीय क्षेत्र में घुसाने के लिए काम करते है.
आईजी ने कहा कि मिथुन बर्धमान जिले के मूल निवासी थे और यूरोपीय देशों के लिए यात्रा संचालन का व्यवसाय चलाते थे. उन्होंने यह भी कहा कि अहमद, इस्लाम और हसन ने भारतीय पहचान पाने के लिए अपना नाम और धर्म बदल लिया था. गोस्वामी ने कहा कि अहमद ने आधार बनवाने के लिए अपना नाम पिंटू दास, इस्लाम ने रोमी पाल और हसन ने बापी राय रख लिया. उन्होंने नौकरी के बहाने विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनवाने के लिए भी इन्हीं नामों का इस्तेमाल किया था.
उन्होंने कहा कि गिरोह ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया और सीमा पार से 50 लोगों को अवैध रूप से भारत में लाए. एटीएस अधिकारी ने कहा कि मिथुन बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं से मोटी रकम वसूल करता था. उसके 12 बैंक खाते हैं, जिसमें लाखों का लेनदेन होता है. अहमद, इस्लाम और हसन बांग्लादेश के मदारगंज के एक होटल में काम करते थे. वे 16 अगस्त को अवैध रूप से सीमा पार कर भारत आए थे.