लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस अपराधियों पर लगाम कसने के लिए लगातार एक्शन मोड में है। पुलिस हर रोज एनकाउंटर कर रही है और बदमाशों को पकड़ रही है। इसी कड़ी में पुलिस ने जालौन, प्रतापगढ़ और अमरोहा में मुठभेड़ में बदमाशों को गिरफ्तार किया है। जालौन जिले में देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन बदमाशों के पैर में गोली लगी।ये बदमाश 15 मई को कोच इलाके में नवीन ज्वेलर्स में हुई डकैती में शामिल थे।पुलिस ने झांसी, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, इटावा और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में इनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी थी। लगभग 60 लोगों से पूछताछ के बाद इन बदमाशों के नाम सामने आए।

प्रतापगढ़ में गौ तस्करों से पुलिस की मुठभेड़

मुठभेड़ के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर चार राउंड फायरिंग की।घायल बदमाशों की पहचान रानू कुशवाहा, रामेंद्र सिंह उर्फ रानू और राजवीर गोस्वामी झांसी निवासी के रूप में हुई। पुलिस ने इनके कब्जे से तीन तमंचे, कारतूस, एक मोटरसाइकिल और डकैती में लूटे गए जेवर बरामद किए। वहीं प्रतापगढ़ के कंधई थाना क्षेत्र के अमसोना गांव के पास पुलिस और पशु तस्करों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान एक तस्कर के पैर में गोली लगी, जिसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। पुलिस ने तीन पशु तस्करों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से 80 किलो गोवंश का मांस, एक चापड़ और दो बाइक बरामद की।

अमरोहा में एनकाउंटर

अमरोहा के थाना डिडौली क्षेत्र के मीरपुर गांव में पुलिस और गौ तस्करों के बीच मुठभेड़ हुई।इस दौरान बदमाश कासिम के पैर में गोली लगी,जबकि एक सिपाही भी घायल हुआ। कासिम को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, उसका दूसरा साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया,पुलिस ने कासिम के कब्जे से एक तमंचा, कारतूस, मोटरसाइकिल और गौ तस्करी के उपकरण बरामद किए। कासिम पर लूट,चोरी सहित 20 मुकदमे दर्ज हैं।अमरोहा एसपी अमित कुमार आनंद ने घटना की पुष्टि की।

7 साल में 222 बदमाश मारे गए

बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने के बाद से अपराध और अपराधियों पर कड़ा प्रहार किया गया है। 20 मार्च 2017 से दिसंबर 2024 तक उत्तर प्रदेश पुलिस ने 12,000 से अधिक मुठभेड़ कीं, जिनमें 222 बदमाश मारे गए और 8,118 घायल हुए। इस दौरान 7,799 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 17 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई।योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत माफिया और संगठित अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई, जिसमें 68 चिन्हित माफिया अपराधियों पर मुकदमे दर्ज किए गए और 140 अरब रुपये की संपत्ति जब्त की गई।