लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने साल 2025 में होने वाले प्रयागराज महाकुंभ को लेकर बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने प्लास्टिक रहित और पर्यावरण अनुकूल वातावरण बनाने का निर्णय लिया है। संतों ने प्लास्टिक और थर्माकोल के बर्तनों के बजाय दोना पत्तन और मिट्टी के बर्तनों बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इसे लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई है।

दरअसल, आज शुक्रवार को ओम नमः शिवाय आश्रम में एक कार्यक्रम रखा गया। जिसमें दोना पत्तल और मिट्टी के बर्तन तैयार करने वाले मुसहर समाज के लोगों और कुम्हारों को माला, शाल पहनाकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में कहा गया कि महाकुंभ में दोना पत्तल और कुल्हड़ का प्रयोग करने से जहां मेला प्रदूषण मुक्त होगा, वहीं तमाम लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इस कार्यक्रम में प्रयागराज मेला प्राधिकरण के एडीएम दयानंद और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि उर्फ टीना मां भी मौजूद थीं।

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मेला प्राधिकरण ADM ने कही ये बात

मेला प्राधिकरण के एडीएम दयानंद ने कहा कि सरकार के फैसले का सम्मान करने वाली धार्मिक संस्थाओं को महाकुंभ में विशेष सुविधाएं भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दोना पत्तल और मिट्टी के बर्तन बनाने वाले लोगों को मेले में जमीन और सुविधाएं भी दी जाएगी।

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साथ ही उन्हें दुकानें भी बनाकर दी जाएंगी, ताकि वह दोना पत्तल और मिट्टी के बर्तन महाकुंभ में उपलब्ध करा सकें। एडीएम दयानंद ने कहा कि इस फैसले से जहां एक ओर दोना पत्तल और बर्तन बनाने वालों को रोजगार मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ महाकुंभ मेला प्रदूषण से मुक्त होगा।

आपको बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ मेले का आयोजन साल 2025 में 13 जनवरी से होगा। ये मेला 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस पर्व में पवित्र नदियों में डुबकी लगाने का रिवाज है, जिसे पापों का नाश करने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

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