विक्रम मिश्र, देवरिया. भोजपुरी एवं हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार और ‘विश्व भोजपुरी सम्मेलन’ के संरक्षक डॉ. अरुणेश नीरन का मंगलवार रात गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वे लगभग 80 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से चल रहे स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे थे.

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बता दें कि डॉ. नीरन का जन्म 20 जून 1946 को देवरिया जिले में हुआ था. उन्होंने सेवा‑क्षेत्र के रूप में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (वाराणसी) और म.ग. हिंदी विश्वविद्यालय (वर्धा) में कार्य किया और बाद में गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध बुद्ध पीजी कॉलेज (कुशीनगर) में प्राचार्य रहे. उन्होंने साहित्य जगत में अपना सेवानिवृत्त जीवन यहीं बिताया.

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डॉ. नीरन का साहित्यिक योगदान अतुलनीय रहा. उन्होंने ‘पुरइन पात’, ‘भोजपुरी वैभव’, ‘हमार गाँव’ समेत दर्जन भर पुस्तकों का संपादन या लेखन किया. साथ ही उन्होंने हिंदी‑भोजपुरी शब्दकोश का संपादन कर दोनों भाषाओं की उन्नति में अपना योगदान सुनिश्चित किया.