प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की फर्जी मार्कशीट के मामले में प्रयागराज की एसीजेएम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इस मामले में एसीजेएम नम्रता सिंह ने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं.

हाईस्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट पर पेट्रोल पंप हासिल करने के मामले में भी जांच का आदेश दिया गया है. 25 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी. केशव के विरुद्ध फर्जी डिग्री मामले में मुकदमा दर्ज कराने के लिए पेश की गई अर्जी पर कोर्ट में पिछले शुक्रवार को बहस हुई थी. इस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया. आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने केशव प्रसाद मौर्य के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह की अदालत में अर्जी दी थी. यह अर्जी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के अंतर्गत दायर हुई है. कोर्ट ने दिवाकर नाथ त्रिपाठी के अधिवक्ता उमाशंकर चतुर्वेदी को सुनकर यह आदेश सुनाया.

आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर ने कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा है कि वर्ष 2007 में शहर के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से केशव प्रसाद मौर्य ने विधानसभा का चुनाव लड़ा. इसके बाद कई बार चुनाव लड़े. उन्होंने अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी प्रथम, द्वितीया आदि की डिग्री लगाई है, जो कि प्रदेश सरकार या किसी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. इन्हीं डिग्रियों के आधार पर उन्होंने इंडियन ऑयल कारपोरेशन से पेट्रोल पंप भी प्राप्त किया है. अर्जी में यह भी आरोप लगाया गया है कि शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अलग-अलग वर्ष अंकित है. इनकी मान्यता नहीं है.