गोविन्द पटेल, कुशीनगर. सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बेहतर इंतजाम जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक की है, लेकिन मरीज को इन सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. वजह यह है कि अस्पतालों में नियुक्त डॉक्टर जगह-जगह अपने निजी नर्सिंग होम खोल उसमें इलाज करते हैं. जिला अस्पताल आए मरीज को कुछ दवा पर्ची पर लिखकर अपने अस्पताल का पता ठिकाना उनको पकड़ा देते हैं.
डॉक्टर कहते हैं कि प्राइवेट में आकर दिखाओ तुम्हारा बेहतर इलाज हो जाएगा. दूर-दूर के गांवों से आए गरीब तबके के लोग जिला अस्पताल आकर सस्ती इलाज और सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के बजाय मिलने के वे महंगे इलाज और निजी अस्पताल पहुंच जाते हैं. वहीं जिला अस्पताल व महिला चिकित्सालय में नियुक्त महिला चिकित्सक प्रसव के लिए जिला अस्पताल व महिला चिकित्सालय में डिलीवरी के लिए आए महिलाओं को अपने निजी अस्पताल में भेज कर उनका इलाज करना शुरू कर देते हैं. ऑपरेशन के नाम पर मोटी फीस वह अस्पताल का चार्ज वसूल उनको सरकारी सुविधाओं से वंचित कर देते हैं.
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दर्जनों ऐसे अस्पताल पडरौना से लेकर कसया शहर में ये सरकारी चिकित्सक खोलकर यहां मरीजों को देखते हैं. महंगी दवाई और महंगी इलाज कराने पर यह मरीज विवश हो जाते हैं. इस पर ना तो उच्च अधिकारी कोई कार्रवाई करते हैं और ना ही कोई सरकार इस पर कोई बड़ा एक्शन लेती है. इस तरह दूर दराज ग्रामीण अंचलों से आए मरीज डॉक्टर और अस्पतालों में घूम रहे दलालों के शिकार बन जाते हैं. अब देखने वाली बात होगी की स्वास्थ्य महकमा इस पर किस तरह अंकुश लगता है या इसी तरह मरीज मेडिकल सिस्टम के शिकार होते रहते हैं.
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