गोरखपुर. उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से सिस्टम फेल हो गई है. लोगों को अस्पताल, बेड, दवाई, इंजेक्शन, ऑक्सीजन और एंबुलेंस के लिए बहुत हाथ-पैर मरना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है. कहीं कोई अपनी पत्नी का शव साइकिल से ले जा रहा है तो कहीं बेटा अपनी मां की लाश घाट पर ही रखकर श्मशान पहुंचा रहा है. इसी प्रकार की दिल दहला देने वाली तस्वीरें रोज देखने को मिलती हैं. गोरखपुर में फोन करने के बहुत देर बाद भी एम्बुलेंस नहीं आई तो मजबूर होकर एक व्यक्ति ने ठेले से शव को श्मशान घाट पहुंचाया.
बड़हलगंज कस्बे में मंगलवार को 100 साल के भागवत गुप्ता का निधन हो गया. उनका शव ठेले पर श्मशान पहुंचा. गुप्ता अपनी बेटी के पास रहते थे. तीन दिन पहले इन्हें खांसी और बुखार हुआ. डॉक्टर ने दवा दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मंगलवार को उनका निधन हो गया. दामाद पारसनाथ गुप्ता ने एंबुलेंस के लिए फोन किया लेकिन नहीं मिली.
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मजबूरन दामाद ने ठेला उठाया और शव लेकर श्मशान घाट पहुंच गए. यहां दो लोगों ने उनकी मदद की और लाश को नीचे उतारा. ऐसी ही इंशानियत को शर्मसार करने वाले दृश्य रोज दिखाई देते हैं. पूरी तरह से शासन-प्रशासन की व्यवस्था फेल हो गई है.
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