गरियाबंद. अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, फिंगेश्वर ब्लॉक कमेटी के नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के देशव्यापी आह्वान पर किसानों ने शनिवार को ‘संपूर्ण क्रांति दिवस’ ​​के रूप में मनाया. किसानों ने उप तहसील कार्यालय फिंगेश्वर के मुख्य द्वार पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की प्रतियों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान फिंगेश्वर पुलिस ने जलते हुए काले कृषि कानून की प्रतियों को छीनकर बुझाने की कोशिश की, लेकिन किसान कार्यकर्ताओं ने चारों तरफ घेराबंदी करते हुए काले कृषि कानून वापस लो, मोदी सरकार मुर्दाबाद जैसे नारो के साथ प्रतियों को जलाई.

अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के फिंगेश्वर ब्लॉक कमेटी के संयोजक रेखूराम साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष मदन लाल और प्रदेश सचिव तेजराम विद्रोही, सदस्य कोमन ध्रुव व दीपकराज ने बताया कि 1974 में 5 जून को लोक नायक जयप्रकाश नारायण ने पटना, बिहार में एक विशाल रैली से संपूर्ण क्रांति आंदोलन की घोषणा की थी. संयोगवश यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि 5 जून 2020 वह दिन है, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने कोविड लॉकडाउन की आड़ में, पहले अध्यादेश के रूप में 3 काले कृषि कानून लाए थे. जिसके खिलाफ देश के किसानों ने 6 जून से ही विरोध करना शुरू कर दिया.

किसानों ने कहा कि अपने-अपने राज्यों में इस कानून का विरोध करते हुए आज किसान पिछले छह महीने से दिल्ली सीमाओं जैसे सिंघु कुंडली, टिकरी, शाहजहांपुर, गाजीपुर के राष्ट्रीय राजमार्गो में आंदोलनरत है. किसानों और सरकार के प्रतिनिधियों के साथ 11दौर की चर्चा के बाद भी समाधान निकाल पाने में केंद्र सरकार गंभीर नहीं है, क्योंकि किसानों ने सरकार को पहले ही बता दिया है कि कानून में काला क्या है और क्यों इस कानून को रद्द करने की आवश्यकता है. लेकिन कॉरपोरेट परस्त केंद्र सरकार कॉरपोरेट गुलामी से निकलने और किसानों की जायज मांगों को मानने तैयार नहीं है. जिसके खिलाफ आंदोलन जारी है और जारी रहेगा.

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विरोध प्रदर्शन में मोहनलाल, सोमन यादव, नंदू ध्रुव, खेलन ध्रुव, केशव निषाद, खेलन ध्रुव, मुन्नालाल यादव, नीलकंठ, मायाराम, आशरू साहू आदि उपस्थित रहे.

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