गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोगनी इलाके में आवास विकास परिषद की मंडोला विहार योजना के तहत भूमि अधिग्रहित की गई थी. मुआवजे की मांग को लेकर छह गांवों के किसान बीते पांच साल से लगातार धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन इनकी समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ है. किसानों ने प्रदर्शन करते हुए सांकेतिक समाधि ले ली है.
जानकारी के मुताबिक करीब छह गांव के किसानों की 2614 एकड़ जमीन को आवास विकास परिषद ने अधिग्रहित किया था. किसानों का कहना है कि उन्हें जो मुआवजा दिया गया है, वह पुराने रेट के आधार पर दिया गया है. यानि उचित मुआवजा नहीं मिल पाया है, जिसके चलते वह पिछले पांच साल से धरने पर बैठे हुए हैं. किसानों के मुताबिक समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान कोई हल नहीं निकल पाया तो भाजपा सरकार से किसानों को उम्मीद थी. इन किसानों की तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं गया, लिहाजा उन्होंने मजबूर होकर आमरण अनशन कर प्रतिकात्मक जिंदा समाधि लेने की चेतावनी दी थी. एसडीएम, एडीएम, सीओ और आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने किसानों से समस्या का हल निकालने की अपील की थी, लेकिन तमाम वार्ता असफल रही और बुधवार को 17 किसानों ने योजना के तहत सांकेतिक समाधि लेकर विरोध जताया.
जानकारी के मुताबिक 17 किसानों खुद गड्ढे खोदे और उनमें लेट गए. वहीं सुरक्षा के लिहाज से इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया. मौजूद पुलिसकर्मियों गड्ढे में लेटे किसानों के ऊपर मिट्टी नहीं डालने दी. सांकेतिक समाधि लेने वाले किसानों ने बताया कि इस समस्या का समाधान न होने तक वह गड्ढों में लेटे रहेंगे. प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि इलाके के छह गांवों के किसानों की 2614 एकड़ जमीन है जिसका उचित मुआवजा नहीं दिया गया.