लखनऊ. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले लगभग 8 माह से किसानों का आंदोलन लगातार चल रहा है. दिल्ली की सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं. इस बीच किसान दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘किसान संसद’ लगा रहे हैं. किसानों की तरफ से कहा गया है कि संसद के मानसून सत्र की पूरी अवधि तक किसान संसद भी लगाया जाएगा. सोमवार को किसान संसद की कमान ‘महिला शक्ति’ के हाथों में है यानि किसान संसद के संचालन का जिम्मा पूरी तरह से महिला किसानों के हाथ में है. उधर किसान संगठन सोमवार से लखनऊ से ‘मिशन उत्तर प्रदेश’ की भी शुरुआत करने वाले हैं. किसान संसद में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से महिला किसान मोर्चे पर पहुंच गई हैं.

किसान संसद के तीन सत्र के दौरान महिलाएं कृषि कानून, खासकर मंडी एक्ट पर अपने विचार रखेंगी. इससे उन्हें सभी पहलुओं पर चर्चा होगी ताकि किसानों की आवाज सरकार तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभा सकें। जानकारी के अनुसार, किसान संसद के तीन सत्रों की अध्यक्षता की जिम्मेवारी तीन महिला शक्ति को सौंपी जाएगी. इसी तर्ज पर तीन उपाध्यक्ष भी किसान संसद की कार्रवाई में सहभागी बनेंगी. महिला किसान संसद में 200 किसान प्रतिनिधि शामिल होंगी. इनमें पंजाब की 100 जबकि अन्य राज्यों की 100 महिला प्रतिनिधि शामिल होंगी.

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इस दौरान तीन सत्रों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष भी महिलाएं ही होंगी. इस दौरान किसान संसद आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 और किसानों और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की जाएगी. उधर दिल्ली पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि महिलाओं के आने के बावजूद सुरक्षा इंतजामों कहीं कोई कटौती नहीं की जाएगी और ना ही किसी तरह की कोई ढिलाई बरती जाएगी.

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