बिजनौर. जिले के एक नर्सिग होम को सील कर दिया गया और 9 झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह कार्रवाई कई शिकायतों के बाद हुई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अस्पताल में डॉक्टरों के रूप में झोलाछाप काम कर रहे थे. कार्रवाई की खबर फैलते ही अधिकांश झोलाछाप डॉक्टरों ने अपने परिसरों को बंद कर दिया और गायब हो गए.

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि जिले के सभी झोलाछाप डॉक्टरों की पहचान कर कार्रवाई का सामना करने तक अभियान जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें इन झोलाछापों द्वारा अपनी परामर्श और यहां तक कि नसिर्ंग होम चलाने की शिकायतें मिल रही थीं, जो ऐसा करने के लिए योग्य और अधिकृत नहीं थे.

बिजनौर के नोडल अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ), एस.के. निगम ने कहा, “उचित योग्यता के बिना एलोपैथी का अभ्यास करने के लिए विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 9 नीम हकीमों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. उनमें से 6 बिजनौर के हैं जबकि 3 धामपुर क्षेत्र के हैं.” उन्होंने कहा, “हमने यहां चांदपुर में एक नसिर्ंग होम को सील कर दिया है. जब हमारी टीम ने परिसर में छापा मारा, तो डॉक्टर भाग गए. हमने क्लिनिक के मालिक को नोटिस दिया है और स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि स्टाफ कोई दस्तावेज दिखाने में विफल रहे.”