लखनऊ. उत्तर प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और आजमगढ़ की दीदारगंज क्षेत्र से बसपा विधायक सुखदेव राजभर का सोमवार को निधन हो गया. वह तीन दिन से गोमतीनगर स्थित चंदन हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे. चंदन अस्पताल के एमडी डॉ. फारुख अंसारी ने बताया कि सुखदेव राजभर गुर्दे के बीमारी से पीड़ित थे. डायलसिस चल रही थी. जहां सोमवार की रात साढ़े आठ बजे उनका निधन हो गया. सुखदेव राजभर मायावती के साथ ही मुलायम और कल्याण सिंह कैबिनेट में भी मंत्री बने. सुखदेव के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती समेत कई नेताओं ने शोक जताया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर शोक जताया है. उन्होंने कहा कि ‘सुखदेव राजभर का निधन अत्यंत दु:खद है. प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें.’

सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि ‘अत्यंत दु:खद! यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ राजनेता श्री सुखदेव राजभर जी का निधन अपूरणीय क्षति. शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना, दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान! ‘सामाजिक न्याय’ को समर्पित आप का राजनीतिक जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा. विनम्र श्रद्धांजलि!’

बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा कि ‘यूपी में बीएसपी की रही गठबंधन सरकारों में मंत्री व 2007 में बीएसपी की बनी पहली पूर्ण बहुमत की सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे श्री सुखदेव राजभर जी के निधन की खबर अति-दुखद. उनके परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना.’

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने गहरा शोक व्यक्त किया है. विधानसभा अध्यक्ष ने शोक संदेश में कहा कि सुखदेव राजभर एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि थे. संसदीय नियमों एवं परम्पराओं की उन्हें गहरी जानकारी थी. राजभर निर्धन और कमजोर वर्गाें के उत्थान के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते थे. उनके निधन से प्रदेश की राजनीति में हुई अपूरणीय क्षति की भरपाई हो पाना कठिन है. दीक्षित ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए उनके पुत्र पप्पू राजभर सहित शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.