संतोष देव गिरि, सोनभद्र. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) को तगड़ा झटका लगा है. पूर्व सांसद पकौड़ी लाल कोल ने पार्टी ने नाता तोड़ने का ऐलान किया है. रविवार को उन्होंने दीपनगर में कोल समाज की बैठक में इसकी घोषणा करते हुए ‘विंध्य समता मूलक समाज पार्टी’ बनाने का ऐलान भी कर दिया.

पूर्व सांसद ने कहा है कि अलग संगठन बनाए बगैर कोल समाज का विकास नहीं हो पाएगा. उन्होंने यह भी कहा है कि अभी तो वह राय ले रहे हैं. इसके बाद वह इस पर कार्रवाई शुरू कर देंगे. उनके पार्टी का नाम ‘विंध्य समता मूलक समाज पार्टी’ होगा. वहीं अब पूर्व सांसद द्वारा नए दल के गठन का ऐलान किए जाने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

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कुछ लोगों का कहना है कि अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल ने इनको और इनके परिवार को राजनीतिक रूप से बहुत कुछ दिया है. इन्हें सांसद बनाया, बेटे (स्व. राहुल कोल) को विधायक बनाया, एक बेटे को प्रमुख बनवाया और बहू (स्व. राहुल कोल की पत्नी) को भी विधायक बनवाया. ऐसे में अपने समाज की भलाई का इन्हें इतना ही ख्याल रहा तो क्यों नहीं समाज के किसी और व्यक्ति को प्रमुख और विधायक बनवाने की पहल की?

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वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि विकास का एक चक्कर होता है. छानबे विधानसभा क्षेत्र में लग रहा वह चाकरी घूम चुकी है. पिछले लोक सभा चुनाव में ही राबर्ट्सगंज, (सोनभद्र) लोकसभा क्षेत्र से उनकी बहु रिंकी कोल को टिकट मिला तो बगावत की सुगबुगाहट शुरू कर दिए गए थे. अब दुबारा कर रहे हैं. ऐसे मेंपकौड़ी कोल के इस बदले हुए सुर और पैंतरे के मायने निकाले जाने लगें हैं‌.

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सोनभद्र की राबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद पकौड़ी कोल का विवादों से गहरा नाता रहा है. मिर्जापुर जिले के मड़िहान तहसील क्षेत्र के कुबरी पटेहरा गांव में इन पर ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा किए जाने का भी आरोप लगाया जा चुका है, जिसमें बाकायदा इन्होंने तहसील प्रशासन को हलफनामा देकर ग्राम समाज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने का भरोसा दिलाया था. लेकिन कहते हैं ना कि “जिसकी लाठी उसकी भैंस” वहीं इस मामले में भी हुआ है, न तो ग्रामसभा की जमीन मुक्त हो पाई और न ही इनके खिलाफ कार्रवाई हो पाई.

इधर, पूर्व सांसद के हालिया बयान को लेकर राजनीति गलियारे में भी इसके मायने ढ़ूढ़े जाने लगें हैं. कुछ लोग इसे परिवार में बढ़ते तकरार को जोड़कर देख रहे हैं तो वहीं कुछ लोग ससुर-बहू के बीच बढ़ते दरार से जोड़ कर देख रहें हैं. खैर, अब यह परिवार सियासी तौर पर अपना दल (एस) के लिए मुसीबत बनता हुआ दिखाई देने लगा है. ऐसे में इनके विकल्प की तलाश तेज होगी.

दूसरी ओर अपना दल (एस) में पकौड़ी कोल और उनके ऐलान को लेकर चर्चा होनी शुरू हो गई है. पार्टी से जुड़े हुए लोगों की मानें तो अपना दल (एस) ने इनके परिवार को ऊंचाई दी है. वहीं इस बात की भी चर्चा हो रही है कि केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के लिए सबसे बड़ी मुश्किल अब यह है कि अब उनके ही घर में ही एक और दल उनके खिलाफ खोला जा रहा है.