बाराबंकी. छह महीने की मासूम बच्ची की इलाज के अभाव में हुई मौत के मामले एसडीएम सिरौलीगौसपुर ने जांच रिपोर्ट डीएम डा. आदर्श सिंह को सौंप दी है. जिसमें सिरौलीगौसपुर स्थित अस्पताल उस समय ड्यूटी पर चिकित्साधिकारी डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव को शिथिलता बरती और आन कॉल ड्यूटी पर आ नहीं सके. जिसके बाद मासूम बच्ची नित्या शुक्ला पुत्री संदीप शुक्ला निवासी ताशीपुर तहसील सिरौलीगौसपुर की मौत हो गई.

प्रथम दृष्टया उस वक्त ड्यूटी पर डॉ. अनिल श्रीवास्तव फार्मेसिस्ट मो. अली व चपरासी मुकेश ड्यूटी पर तैनात और अस्पताल में सिर्फ चपरासी मुकेश व फार्मेसिस्ट मो. अली ही थे. जिसका खुलासा अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे व स्थानीय व पीड़ित लोगों से जांच करने गए एसडीएम सुरेन्द्र पाल विश्वकर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट में किया है. मासूम बच्ची ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. पूरे प्रकरण में मौजूदा डॉ. अनिल श्रीवास्तव को दोषी पाया है. डीएम डॉ. आदर्श सिंह ने 15 दिनों के अंदर स्पष्टिकरण दोषी पाए गए डॉ. अनिल श्रीवास्तव से तलब किया है. और कहा है कि यदि 15 दिनों में स्पष्टिकरण नहीं दे पाए तो समझा जाएगा कि आप निश्चित रूप से जिम्मेदार है और क्यों न आपके विरुद्ध कठोरतम कार्यवाई शासन करने को बाध्य हो.

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घटना के बाद से ताशीपुर गांव एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था पिपली लाइव वो बनता जा रहा मीडिया और विभिन्न राजनैतिक दलों का गांव आना-जाना बना हुआ है. वहीं पीड़ित परिवार जिम्मेदारों पर कठोर करवाई की मांग को लेकर आमरण-अनशन करने को मजबूर है और धरना देने को मजबूर हो गया है. हर समय किसी न किसी का जमावड़ा लगा हुआ है, परंतु डीएम व स्वास्थ्य विभाग से कोई भी पीड़ितों का पुरसा लेने वाला नहीं है.

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