हमीरपुर. वैसे तो योगी सरकार यूपी में विकास के लाख दावे करती है, लेकिन एक-एक कर सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. इसी का नतीजा है कि एक मासूम ने समय पर एंबुलेंस न मिलने पर दम तोड़ दिया. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अपनी पीठ खूब थपथपाते हैं पर जमीनी हकीकत उन तमाम खोखले दावों की पोल खोलते नजर आ रही है.

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बता दें कि पूरा मामला भरुआ सुमेरपुर कस्बे के बांकी मार्ग रामनगर वार्ड संख्या 18 का है. जहां एक बच्ची अपने घर की छत पर खेल रही थी. इसी दौरान उसे बिच्छू ने काट लिया. जिसके बाद बच्ची का पिता उसे लेकर पीएचसी पहुंचा. जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया. इस दौरान उसने एंबुलेंस बुलाया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. फिर पिता उसे बाइक से जिला अस्पताल पहुंचा. जिला अस्पताल से बच्ची को कानपुर रेफर किया गया. लेकिन एंबुलेंस न मिलने के कारण बच्ची की जिला अस्पताल में मौत हो गई.

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मामले को लेकर पिता का कहना है कि उसने 108 एंबुलेंस को 4 बार फोन किया था. फोन करने के काफी देर एंबुलेंस पहुंची और वह दूसरे मरीज को लेकर चली गई. घटना के बाद यूपी सरकार और उसके पंगू सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि क्या मंत्री ब्रजेश पाठक बच्ची के मौत की जिम्मेदारी लेंगे?