वाराणसी. जिला जज न्यायालय में ज्ञानवापी के मूलवाद 1991 की सुनवाई के साथ वाराणसी के श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन प्रकरण में वादी महिला सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी प्रकरण में भी सुनवाई हुई है. इस मामले में इस मुकदमे में समेकित किए गए साथ मुकदमों का शेड्यूल तय किया गया. साथ ही पिछले दिनों अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन की तरफ से दायर की गई मूलवाद को जिला अध्यक्ष न्यायालय में ही सुनवाई के लिए शिफ्ट किए जाने की याचिका पर भी कोर्ट ने सुनवाई की है.
1991 से चल रहे मुकदमे को भी इन समेकित 7 मुकदमों को जनपद न्यायाधीश की कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर एप्लीकेशन पड़ा हुआ है. जिस मामले में जनपद न्यायाधीश ने कहा कि पांच वादिनी महिलाओं के केस में जो प्रार्थना पत्र हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में पड़ा है, उसका नंबर इस अदालत को उपलब्ध कराएं, जिससे न्यायालय द्वारा किसी प्रकार का आदेश देने में विरोधाभास ना हो.
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31 अगस्त को हुई थी सुनावई
बता दें कि बीते 31 अगस्त को जिला एवं सत्र न्यायालय में श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के मुख्य केस समेत ज्ञानवापी से जुड़े 7 केस पर सुनवाई हुई थी. नए जिला जज के आने के बाद अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी थी. इसके लिए वकीलों ने पूरी तैयारी की थी. इसमें 5 महिला वादी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की पूजा की मांग रखी थी. रेखा पाठक, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और सीता साहू की तरफ से जिला जज की अदालत में आवेदन देकर वर्ष 1991 के लॉर्ड विश्वेश्वर मूल वाद को स्थानान्तरित कर श्रृंगार गौरी मूल वाद के साथ न्यायहित में एक साथ सुनवाई किए जाने का आग्रह किया गया था.
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