लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय और लखनऊ पीठ में सरकारी वकीलों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई हुई। याचियों का आरोप है कि अनुभव न होने पर भी वकीलों की नियुक्ति कर दी गई है। उन्होंने कहा कि काम नहीं, फिर इतने वकील क्यों बनाए गए है। याचियों ने सरकारी वकीलों की नियुक्ति में पारदर्शिता की मांग की।
सीनियर वकीलों के लिए काम की कमी
इसी याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याची ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए सरकारी वकीलों की नियुक्ति में पारदर्शिता की मांग की है। उनका कहना है कि अनुभवहीन वकील को सरकारी अधिवक्ता बनाया गया है। याचियों का आरोप है कि अनुभव न होने पर भी नियुक्ति दी गई है। जिससे सीनियर वकीलों के लिए काम की कमी हो गई है।
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22 सितंबर को अगली सुनवाई
याची का कहना है कि काम नहीं, फिर क्यों इतने वकील बनाए गए है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने यूपी सरकार से सरकारी वकीलों की तैनाती का ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर 22 सितंबर को पक्षों के वकीलों को सरकारी वकीलों की तैनाती मामलों में पहले दिए गए फैसलों को पेश करने का भी निर्देश दिया है।
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