विक्रम मिश्र, कानपुर। उच्च न्यायलय की लखनऊ बेंच ने कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान कानपुर के निदेशक डॉक्टर शान्तनु कुमार दुबे पर कोर्ट की अवमानना करने के जुर्म में 50 हज़ार रुपयों का हर्जाना लगाया है। कोर्ट का कहना है कि निदेशक को कोर्ट में जवाब देने का मौका दिया गया था। लेकिन जवाब देने के बजाय निदेशक ने एक प्रार्थना पत्र कोर्ट को भेज दिया जिसमें की उनकी सज़ा माफ करने की अपील की गई थी।

अगली सुनवाई 1 अगस्त को

बता दें कि कृषि अनुसंधान कानपुर के निदेशक डॉक्टर शांतनु दुबे पर कोर्ट ने 3 जुलाई को आरोप तय किये थे। जबकि उनको कोर्ट को संतुष्ट करने के लिए समय भी दिया गया था। न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने ये आदेश डॉक्टर विनय कुमार और 31 अन्य के द्वारा दाखिल याचिका पर पारित किया है। न्यायालय ने अगली सुनवाई 1 अगस्त को निर्धारित किया है। जिसमे की अदालत ने डॉक्टर दुबे को अपना जवाब दाखिल करने का एक मौका और दिया है।

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गौरतलब है कि याचिकाकर्ता कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत थे। जिसकी फंडिंग कृषि प्रौद्यौगिकी अनुसंधान संस्थान करता है, लेकिन याचिकाकर्ता समेत 31 लोगो को हटाने का आदेश निदेशक ने दे दिया था जबकि रिकवरी हेतु भी कार्रवाई की जा रही थी। जिसके एवज में याचिकाकर्ता अदालत का दरवाजा खटखटाये और स्थगन आदेश 17 फरवरी 2025 को लेकर आये बावजूद इसके उनको वेतन नही दिया गया। जिसपर कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।