इटावा. छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (कानपुर) ने इटावा के कर्मक्षेत्र महाविद्यालय के परीक्षा परिणाम पर रोक लगा दी है. जिससे कॉलेज के हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. रिजल्ट न आने से परीक्षार्थी कई महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने से हुए वंचित हो गए हैं. नाराज छात्र-छात्राओं ने इटावा जिलाधिकरी से जल्द रिजल्ट घोषित करवाने की गुहार लगाई है. मौके पर पहुंचे जिला विद्यालय निरीक्षक ने कचहरी पहुंचकर बच्चो को आश्वाशन दिया. कलेक्टर ने कहा कि कॉलेज प्रशासन से बात कर जल्द रिजल्ट घोषित करवाया जाएगा. नाराज़ छात्र-छात्राओं ने कहा कि रिजल्ट जल्द घोषित न होने पर कॉलेज और विश्वविद्यालय के खिलाफ कोर्ट जाकर मुकदमा करेंगे. कॉलेज प्राचार्य कहना है कि विश्वविधालय से बात चल रही है. रिजल्ट घोषित न होना दुर्भाग्यपूर्ण है.
इटावा कचहरी परिसर में बुधवार को कर्मक्षेत्र महाविद्यालय के दर्जनों छात्र-छात्राएं रिजल्ट घोषित न होने से नाराजगी के चलते इटावा जिला अधिकारी से मिलने पहुंचे. छात्र-छात्राओं का कहना है कि कॉलेज प्रशासन की गलती का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है. जिसके चलते उनका भविष्य अधर में लटक गया है. दरसल 16 जुलाई को कर्मक्षेत्र महाविद्यालय में विश्वविद्यालय पतीक्षा के दौरान एलएलबी की परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल की खबर के बाद विश्वविद्यालय से आई टीम ने तत्कालीन कॉलेज के प्राचार्य पर एफआईआर दर्ज करा कर एक कमेटी गठित कर दी थी.
नाराज छात्र छात्राओं का कहना है कि रिजल्ट घोषित न होने से वह D.El.Ed और आने वाले B.Ed की काउंसलिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगे. साथ ही कई महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में भी नहीं बैठ सकेंगे. कानपुर विश्वविद्यालय ने इटावा के कर्म क्षेत्र महाविद्यालय का परीक्षा परिणाम इसलिए घोषित नहीं कर रही है, क्योंकि विश्वविद्यालय की तरफ से एक कमेटी गठित की गई है जिसमें इटावा के कर्म क्षेत्र महाविद्यालय के परीक्षाओं की जांच चल रही है और जब तक कमेटी की तरफ से हरी झंडी नहीं मिल जाती तब तक हजारों छात्र छात्राओं का परीक्षा परिणाम रुका रहेगा.
वहीं इस बारे में कॉलेज की प्राचार्य सुचित्रा वर्मा का कहना है कि कुछ दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 16 जुलाई को एलएलबी की परीक्षा के दौरान नकल की कुछ तस्वीरें आई थी. उसके बाद कॉलेज प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए बाकी के बचे हुए सारे परीक्षाएं पूरी तरह से नकल विहीन करवाई थी. ऐसे में अगर विश्वविद्यालय को कोई जांच करनी है तो वह एलएलबी परीक्षा को लेकर कर सकती है. बाकी अन्य विषय और अन्य संकाय बीए, बीकॉम और बीएससी के परीक्षा परिणाम घोषित कर देना चाहिए, जिससे अन्य परीक्षार्थियों का नुकसान ना होने पाए. वहीं छात्र-छात्राओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनका परीक्षा परिणाम घोषित नहीं होता है तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे.