अंकित मिश्रा, बाराबंकी. प्रसिद्ध तीर्थ स्थल लोधेश्वर महादेवा में मंदिर के कपाट श्रावण महीने के तीसरे सोमवार के दिन बंद होने से दूर दराज से आए शिव भक्त मायूस होकर वापस लौट रहे हैं. भगवान भोलेनाथ का श्रावण महीने में खासा महत्व है. इस महीने मे सभी शिव मंदिरों भगवान भोलेनाथ का पूजन अर्चन होता है.

उत्तर भारत का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल तहसील रामनगर में स्थित लोधेश्वर महादेवा धाम जहां पर प्रतिवर्ष सावन के महीने में हजारों श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए आते हैं. कन्नौज उन्नाव कानपुर बलरामपुर आज कई जिलों से लोग कांवर लेकर पैदा लोधेश्वर महाराज के दरबार में अपनी हाजिरी लगाते हैं, लेकिन इस बार सावन शुरू होने से पहले ही जिला प्रशासन ने सावन मेले पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन सावन के सोमवार की रात्रि से ही भारी भी महादेव परिसर में उड़ने लगी थी. जिसको देखते हुए मंदिर के कपाट खुलवा दिए गए थे. हजारों भक्तों ने जलाभिषेक किया था.

दूसरे सोमवार को भी मंदिर के कपाट खुले और शिव भक्तों ने पूजा-अर्चना की, लेकिन दूसरा सोमवार शिव भक्तों के लिए शोक भरा रहा क्योंकि प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण प्रशासन द्वारा इंतजाम ना कि कर जाने के कारण अब हम तालाब में दोषियों भक्तों की डूबकर मौत हो गई थी. इसी कारण प्रशासन अपनी कमी छुपाने के लिए उसने मेले पर ही पाबंदी लगाना उचित समझा और इस सोमवार को पूर्णतया पाबंदी लगाते हुए ट्राली ट्रैक्टर बस पैदल दूरदराज से आए हुए भक्तों को बैरंग वापस करते रहे. दूरदराज क्षेत्रों से आए शिव भक्त कह रहे थे कि हमको मंदिर बंद होने की सूचना नहीं थी, इसलिए हम लोग चले आए वहां पर तैनात कर्मियों ने मुझसे कहा कि उठाए चले आते हैं अब हम लोग बिना दर्शन के वापस जा रहे हैं.