रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. रेल कोच के आसपास की बेशकीमती जमीन पर जालसाजों की नजर पड़ चुकी है. जमीन किसी दूसरे की और किसी दूसरे को सामने खड़ा करके यहां पर जमीनों को बेचा जा रहा है. भू-स्वामी का पता नहीं, लेकिन निबंधक कार्यालय से जमीन को लिखा दिया गया. इसी कड़ी में जालसाजों ने शिक्षक नेता के नाम की जमीन को भी बेच डाली. गनीमत ये रही कि शिक्षक नेता को इस सबके बारे में पता चल गया और उन्होंने आपत्ति जताते हुए नायाब तहसीलदार से लेकर जिलाधिकारी से शिकायत करके फर्जी बैनामा को निरस्त किए जाने समेत जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
लालगंज कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव की रेलकोच के पास बहुत ही कीमती जमीन है. उनके और चचेरे भाई हरिओम यादव की जमुवावां गांव में कई बीघा जमीन है. उन्होंने डीएम को पत्र देकर बताया कि गाटा संख्या 119 में 0.440 व 135 में 2.3030 हेक्टयर जमीन है. यह जमीन खतौनी काश्तकार है. जो संक्रमणीय भूमिधरी है. इस जमीन को जालसाजों ने पूरे मकरहन मजरे ऐहार गांव के एक व्यक्ति को बेच दिया. उनकी जमीन नौ अगस्त को बेची गई और उनके स्थान पर जालसाजों ने किसी दूसरे को भूमि का मालिक बनाकर रजिस्ट्री करा दी.
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इस जमीन में जालसाजों की तरफ से दो व्यक्तियों को गवाह भी बनाया गया है. दोनों ही कोतवाली क्षेत्र के पूरे बाल्हेश्वर मजरे ऐहार के रहने वाले हैं. मामले की जानकारी होने के बाद उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई है और नायाब तहसीलदार से लेकर रजिस्ट्री कार्यालय की तरफ से की गई लापरवाही की शिकायत की है. उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री पर नाम हमारा है और फोटो किसी दूसरे विक्रता की लगाई गई है. इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर जिलाधिकारी ने क्षेत्राधिकारी लालगंज को शिकायत सौंपी है.
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