विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विभिन्न संगठनों की ओर से आह्वान किए गए भारत बंद का असर देखने को मिला. राजधानी लखनऊ में पहले बसपा की तरफ से मायावती ने भारत बंद का आह्वान किया. उन्होंने अपने सभी समर्थकों और पार्टी के कैडर को सड़क पर आंदोलन के लिए निर्देशित किया. समाजिक न्याय और आरक्षण में कोटा के मसले को समाजवादी पार्टी भी भुनाने में लगी है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बसपा के भारत बंद को अपना समर्थन देने और सड़कों पर कार्यकर्ताओं को उतरने के लिए निर्देश दिया.

अखिलेश यादव ने कहा कि आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है. ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा. शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बसपा के भारत बंद का समर्थन निश्चित ही एक नए समीकरण को जन्म देता हुआ दिख रहा है.

अखिलेश यादव के एक बयान, जिसमें वे कहते हैं कि ‘इस एकजुटता ने साबित कर दिया कि संविधान और आरक्षण के साथ छेड़छाड़ की कोई साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी’, इसमें आगामी रणनीति के कई मायने छुपे हुए है. जिससे की भाजपा की नींद उड़ने वाली है.