जौनपुर. एक हेड कॉन्स्टेबल अखिलेश यादव ने 9 पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर जाति, धर्म के हिसाब से उसकी उपेक्षा और मानसिक और शारीरिक शोषण करने का गंभीर आरोप लगाते हुए एक वीडियो बनाया है. वीडियो में हेड कॉन्सटेबल सुसाइड नोट पढ़ता दिखा. इस दौरान उसने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कई अधिकारियों को वीडियो और फोटो दिखाकर इसकी जानकारी दे दी थी. न्याय न मिलने पर उसने इस्तीफा पत्र लिख इच्छामृत्यु की मांग रखी है.
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बता दें कि जौंनपुर का रहने वाला अखिलेश यादव यूपी पुलिस में हेड कान्स्टेबल है. बुधवार को उसने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया. वीडियो में वह कह रहा है कि जाति, धर्म के हिसाब से उसकी उपेक्षा की जा रही है. साथ ही उसका मानसिक और शारीरिक शोषण भी किया जा रहा है. उसने सोनभद्र के एक अधिकारी पर भी संगीन आरोप लगाए हैं. यह भी कहा कि उन्हें फर्जी रिपोर्ट लगाकर बचाया जा रहा है. किसी मामले को लेकर उनके साक्ष्य गायब किए गए हैं.
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आगे वीडियो में उसने कहा, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कई अधिकारियों को वीडियो और फोटो दिखाकर इसकी जानकारी दे दी थी. न्याय न मिलने पर उसने इस्तीफा पत्र लिख और इच्छामृत्यु की मांग रखी है. उसने कहा कि जो मेरे साथ हुआ है वह किसी और के साथ न हो. न्याय न मिलने पर मैंने आत्महत्या की मांग रखी तो इसकी जांच उन्नाव के अधिकारी कर रहे हैं. इसमें मेरे माता-पिता का भी बयान अंकित किया गया है.
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आगे वीडियो में उसने कहा, इस मामले में मुझे बताया गया कि लगभग 30 अधिकारी दोषी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुझे लगभग 9 महीने से गुमराह किया जा रहा है. इसके साथ ही प्रताड़ित भी किया जा रहा है. एक संगीत मामले में मैंने 172 पन्नों की रिपोर्ट बनाई है, जिसका वीडियो भी मेरे पास है. मैंने इन बेइमानों को गोली मारने का निर्णय लिया है, लेकिन 30 लोगों को इकट्ठा नहीं मार सकता, इसलिए मैंने जौनपुर अजय पाल शर्मा और सोनभद्र के एसपी यशवीर सिंह को मारने का निर्णय लिया. लेकिन मुझे रायफल की ड्यूटी से हटा दिया गया.
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