कानपुर. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है. 12 से ज्यादा लोग इस हमले में घायल भी हुए थे. इस हमले में कानपुर के शुभम द्विवेदी की मौत हो गई थी. परिवार के जख्म अभी भरे ही नहीं थे कि उन्हें जख्म फिर हरे हो गए. भारत सरकार ने पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की साझेदारी न रखने का फैसला लिया था, लेकिन अब फैसला एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच में लागू होता दिखाई नहीं दे रहा है. शुभम द्विवेदी के परिजनों ने भारत-पाकिस्तान के मैच का विरोध जताते हुए जान गंवाने वालों का अपमान बताया है.

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बता दें कि पहलगाम हमले के 2 महीने पहले ही शुभम की शादी हुई थी. जिसके बाद परिवार के 11 सदस्य कश्मीर घूमने गए थे. हमले के वक्त शुभम अपनी पत्नी के साथ घुड़सवारी कर रहे थे. परिजनों ने बताया था कि आतंकियों ने नाम पूछकर गोली मारी थी. उसके बाद सरकार ने फैसला लिया था पाकिस्तान से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखा जाएगा. अब रविवार यानी 14 सितंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप का मुकाबला होने जा रहा है. जिसे लेकर शुभम द्विवेदी की पत्नी और परिजनों ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं. शुभम की पत्नी का कहना है कि बीसीसीआई ने कुछ ही महीनों में भुला दिया. ये मैच देश विरोधी है. ऐशान्या ने कहा, इस मैच से जितना भी रेवेन्यू बनेगा उसका इस्तेमाल किसके लिए होगा? पाकिस्तान इस पैसे का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद के लिए करेगा. 

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हमारे बेटे को धर्म पूछकर गोली मारी

शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी का कहना है कि मेरे बेटे से उसका धर्म पूछकर मारा गया था. जिस देश के आतंकियों ने मारा उनके साथ क्रिकेट खेलना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इतना ही नहीं शुभम के चाचा ने तो लोगों से पाकिस्तान के साथ होने वाले मैच का बहिष्कार करने की अपील तक की है.

वर्दी पहनकर पहुंचे थे आतंकवादी

पहलगाम के बैसारन घाटी इलाके में 22 अप्रैल मंगलवार दोपहर 2.45 सेना की वर्दी पहने हुए दो आतंकवादी पहुंचे थे. आतंकियों ने वहां मौजूद लोगों ने धर्म पूछा और टारगेट किलिंग करते चले गए. आतंकवादियों ने इस दौरान 50 राउंड से ज्यादा फायरिंग की थी. हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग द रजिस्टेंट फ्रंट यानी TRF ने ली थी. मरने वालों में यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक शामिल थे. इनके अलावा एक नेपाल और एक यूएई के टूरिस्ट और दो लोकल भी शामिल थे.