विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में होने वाले 9 सीटों पर उपचुनाव के लिए बिगुल बज चुका है. सभी दलों ने अपने-अपने सेनापतियों की कमान संभालने के लिए आगे भी कर दिया है. ऐसे में एक सीट है कानपुर नगर की सीसामऊ सीट जहां से समाजवादी पार्टी के हाजी इरफान सोलंकी विधायक थे, लेकिन उनके ऊपर केस चलने और उन्हें जेल में निरुद्ध होने के कारण इस सीट को रिक्त माना गया और उपचुनाव के लिए 13 नवम्बर की तारीख मुकर्रर की गई. इस सीट से समाजवादी पार्टी ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि, भाजपा ने सीसामऊ सीट पर सुरेश अवस्थी को मैदान में उतारा है.

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संगठन बनाम सहानभूति

हाजी इरफान सोलंकी जब भी पेशी पर आते हैं तो मीडिया को दिए अपने बयानों में कहते हैं कि उनके साथ अत्याचार हो रहा है. उन्हें भाजपा सरकार फंसा रही है. इसी को आधार बनाकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इरफान सोलंकी की पत्नी को इस सीट का चेहरा घोषित किया. जबकि, भाजपा से कयास लगाए जा रहे थे कि दलित चेहरे पर पार्टी दांव लगा सकती है, लेकिन भाजपा ने सुरेश अवस्थी को पार्टी सिंबल दिया और मैदान में उतारा. भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी के बारे में बता दें कि संगठन में रहे सुरेश उसकी बारीकियों को बेहतर तरह से जानते हैं और इनके ही प्रभार में कई बार भाजपा ने यहां से अच्छा प्रदर्शन दोहराया है.

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क्या कहते हैं समीकरण ?

सीसामऊ सीट पर सबसे ज़्यादा मुस्लिम वोटर हैं. दूसरे नम्बर पर यहां ब्राह्मण आबादी काबिज़ है. इसके अलावा दलित, कुर्मी और राजभर समाज की तादाद भी अच्छी खासी है. इस सीट के लिए भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी इसी उद्देश्य से उतारा है कि स्वर्णों का एकमुश्त वोट और अन्य बिरादरियों के वोट बैंक में सेंध लगाकर सीसामऊ की बैतरणी को पार किया जा सके.