रामकोला. कभी मायावती सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना में शामिल रही मान्यवर कांशीराम शहरी आवासीय योजना योगी सरकार में अपनी बदहाली पर आसूं बहा रही है. जनपद के रामकोला नगर पंचायत में चार सौ आवास बने हैं. इन आवासों की हालत इतनी जर्जर हो गई हैं कि यहां लाभार्थियों का रहना मुश्किल हो गया है. जर्जर आवास की हालात इतनी खराब है कि सैकड़ों लोग आवास छोड़ चुके हैं.

आवास जर्जर तो है ही जलजमाव और गंदगी स्वच्छता अभियान की पोल खोल रही है, तो वहीं जीवन के लिए पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. ‘कांशीराम आवास योजना’ का हाल बहुत ही खराब है. कांशीराम आवासों में न तो साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था है और न ही शुद्ध पेयजल आपूर्ति है. जहां ‘स्वच्छता ही बचाव’ है, का नारा बुलंद किया जा रहा है. यह स्थिति जनपद के रामकोला नगर पंचायत में स्थित कांशीराम आवास योजना के लोग गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. यहां रह रहे परिवार के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

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कांशीराम आवास में रह रहे लोगों की माने तो मायावती सरकार में यह आवास मिला था. उस वक्त सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं. सरकार बदलने के बाद सब बदहाल हो गया. यहां न तो साफ-सफाई के लिए नगरपालिका की तरफ से कोई भी सफाईकर्मी आता है, न ही पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है, जबकि पहले जब मायावती सरकार थी, तो रोजाना इन कॉलोनियों में साफ-सफाई होती थी. अब कॉलोनियों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वहीं कॉलोनियां जानवरों की शरणस्थली बनी हुई हैं.

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