कासगंज. उत्तर प्रदेश के कासगंज में 22 वर्षीय अल्ताफ की कथित हिरासत में मौत के मामले में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है. पीड़िता के पिता चांद मियां की शिकायत पर शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई, जिन्होंने कहा कि पुलिस ने सोमवार को रात करीब 8 बजे उनके बेटे को पूछताछ के लिए उठाया, जब वह खाना खा रहा था.

चांद मियां ने प्राथमिकी में कहा, “मैं उसके पीछे पुलिस चौकी तक गया लेकिन मुझे वापस भेज दिया गया. अगले दिन हमें बताया गया कि अल्ताफ ने सदर थाने के वॉशरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. 5 फीट लंबे लड़के के लिए दो फीट ऊंचे पानी के नल से लटकना संभव नहीं है. थाने में साजिश के तहत मेरे बेटे की हत्या की गई थी.” उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा उन पर एक पत्र पर अंगूठे का निशान लगाने के लिए दबाव बनाया गया. जबकि प्राथमिकी अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ है, चांद मियां ने कहा कि उन्होंने पांच पुलिसकर्मियों पर अपने बेटे की हत्या का आरोप लगाया है.

इनमें स्टेशन हाउस ऑफिसर वीरेंद्र सिंह इंदोलिया, सब-इंस्पेक्टर चंद्रेश गौतम, सब-इंस्पेक्टर विकास कुमार, हेड मोहरिर (क्लर्क) धनेंद्र सिंह और कॉन्स्टेबल सौरभ सोलंकी शामिल हैं. हिरासत में अल्ताफ की मौत की खबर फैलने के बाद सभी पांचों को पहले ‘ड्यूटी पर लापरवाही’ के लिए निलंबित कर दिया गया था. मियां के साथ एसपी के कार्यालय गए अल्ताफ के चाचा ने आरोप लगाया कि उन्हें शिकायत की एक प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई और उन्हें ‘घर जाने’ के लिए कहा गया. उन्होंने कहा, “प्राथमिकी की एक प्रति हमें जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी.”

पुलिस ने दावा किया कि प्राथमिकी अल्ताफ के पिता से डाक द्वारा प्राप्त पूर्व शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी. पत्र में किसी पुलिसकर्मी के नाम का जिक्र नहीं है. एसपी ने कहा, “मौजूदा प्राथमिकी में ताजा शिकायत को शामिल किया जाएगा. जांच के बाद मामले में शामिल सभी पुलिसकर्मियों के नाम जोड़े जाएंगे. मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है.” पुलिस के अनुसार, अल्ताफ को एक नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण की प्राथमिकी के सिलसिले में थाने बुलाया गया था, जिसके घर में वह मंगलवार सुबह राजमिस्त्री का काम कर रहा था. पूछताछ के दौरान उसने वॉशरूम जाने के लिए कहा, जहां उसने अपने जैकेट के हुड के तार का उपयोग करके पानी की पाइप लाइन से खुद को लटका कर आत्महत्या कर ली. पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए.

चांद मियां ने संवाददाताओं को बताया कि पुलिस लड़की के परिवार के तीन लोगों के साथ आई थी, जिनमें से एक ने उसके बेटे का सिर काटने की धमकी दी और उसके बेटे को ले गया. उन्होंने कहा, “जब मैं पुलिस चौकी पहुंचा, तो मुझे लगा कि मेरे बेटे को प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन मुझे पुलिस ने वापस भेज दिया. जब हमें शव मिला, तो उसके गले पर निशान के अलावा पैरों में सूजन थी.”