चुचैला कलां (अमरोहा)। केंद्र सरकार ने किसानों के सम्मान को ठेस पहुंचाई है. किसान अब सरकार के खिलाफ खड़ा है. कृषि कानूनों के विरोध में ढाई महीने से दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरने से भी सरकार की नींद नहीं टूटी है. ये बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने जिले की मंडी धनौरा तहसील क्षेत्र के गांव शहजादपुर में रविवार को किसान महापंचायत में कहीं. उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों का समाधान करना दूर किसानों को आंदोलन जीवी, खालिस्तानी और आतंकवादी बताया जा रहा है. आंदोलन को कमजोर करने की साजिश की जा रही है. साफ कहा कि सरकार को हठधर्मी और अड़ियल रवैया छोड़ना होगा.
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक सरकार एमएसपी पर कानून बनाने के साथ ही पूर्व में लाए गए तीनों कानूनों को रद्द नहीं करती हैं, तब तक किसान आंदोलन लगातार जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की परीक्षा न लें. सरकार किसान को तिरछी नजरों से देख रही है. गन्ना किसान हो या फिर आलू और धान किसान हर किसी की हालत फिलहाल खराब है. प्रदेश में बीते चार साल में गन्ना मूल्य प्रति क्विंटल मात्र 10 रुपए ही बढ़ाया गया है. आलू की कीमत एक रुपया भी नहीं बढ़ी है. इसके उलट साल 2014 से अब तक पेट्रोल और डीजल के दाम में 45 रुपए प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हुई है. बिजली दरें भी इतनी बढ़ी हैं कि मजदूर से लेकर किसान तक सब परेशान हैं.
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नरेश टिकैत ने कहा कि भाजपा ऐसी पहली पार्टी थी जिसे भाकियू ने चुनाव पूर्व खुला समर्थन दिया और नतीजा पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के रूप में सामने आया, लेकिन अब किसान यह भूल नहीं करेगा. कृषि बिल को लेकर सरकार के साथ कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सरकार अपने अड़ियल और हठधर्मी रवैये पर कायम है. साफ कहा कि लड़ाई अब किसान के मान-सम्मान और स्वाभिमान की है, जिसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान नेता और क्षेत्रीय एवं आसपास के जिलों से पहुंचे किसान भी मौजूद रहे.